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बांसवाड़ा।वागड़ के प्रसिद्ध शक्तिपीठ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में नवरात्रि की अष्टमी पर शुक्रवार तड़के से ही श्रद्धालुओं का रेला लगा। यहां बांसवाड़ा शहर और सुदूर के इलाकों से हजारों श्रद्धालु पैदल मां के दर्शन के लिए पहुंचे। सुबह पांच बजे मंगला आरती के समय मंदिर परिसर में कदम रखने तक की जगह नहीं बची। व्यवस्थापक मंडल व पंचाल समाज चौदह चौखरे के नेतृत्व में अष्टमी के मेले पर व्यापक तैयारियां की गईं। यहां श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए टेंट और बेरिकेड्स लगाए गए हैं।
मंदिर में सप्तमी की शाम से ही दर्शनार्थी अपने घरों से पैदल मां सुबह की मंगला आरती का लाभ लेने के लिए निकल पड़े। सुबह करीब 3.45 बजे पट खुले तो श्रद्धालुओं ने माता के जयकारे लगाए। अष्टमी के दिन मां की प्रतिमा को केसरिया रंग का मनमोहक श्रृंगार पंडित गणेश शर्मा ने किया। 4 से 5 बजे तक के समय में तलवाड़ा के भक्तों ने अपने भजन और संगीत से समा बांध दिया। आरती के बाद से मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतारें हैं। जो रात तक जारी रहेंगी। दोपहर में यहां अष्टमी का महायज्ञ पंडित निकुंज मोहन पंड्या के आचार्यत्व में शुरू हुआ।
पैरों में छाले पर भक्ति की शक्ति से बढ़े पदयात्री
बांसवाड़ा से रात में ही पैदल रवाना होकर सुबह तक पहुंचे कई श्रद्धालुओं के चलते-चलते पैरों में छाले पड़ गए। कोई दर्द के कारण कुछ पल विश्राम कर आगे बढ़ा तो कोई सतत चलता गया।
भक्तों की सेवा के लिए लगे स्टॉल
एक और अष्टमी पर भक्ति देखने को मिली तो दूसरी ओर सेवा भी देखने को मिली। बांसवाड़ा से मंदिर तक 20 किमी के सफर में 15 के करीब स्टॉल भक्तों की सेवा के लिए लगाई गई हैं। इसमें दूध, फलाहार, खिचड़ी, छाच, चिप्स, चाय कॉफी, फल और पानी के स्टाल थे। मंदिर में कुशलबाग मार्बल की तरफ से महाप्रसाद तो तलवाड़ा में देव कृपा गार्डन में चिप्स और पवित्र सेवा संस्थान की ओर से केसर दूध भक्तों को वितरित किया गया।