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बांसवाड़ा-कर्ज में दबे एक व्यक्ति ने बीमा क्लेम के लिए खुद की मौत की साजिश रची। उसने अपने दो साथियों को भी इसमें शामिल किया। आरोपी रामदेवरा (जैसलमेर) के एक भिखारी को गुजरात में नौकरी का झांसा देकर बांसवाड़ा लाए। यहां शराब पिलाकर सीमेंट से भरे ट्रेलर के टायरों के नीचे डाल दिया और उसका सिर बुरी तरह कुचल दिया, ताकि उसकी पहचान नहीं हो सके।
आरोपियों ने लाश के पास एक बैग छोड़ा, जिसमें साजिश रचने वाले के डॉक्युमेंट थे। पुलिस ने उनके आधार पर परिजनों को सूचना दी, लेकिन परिजनों ने लाश की पहचान नहीं की। इस पर पुलिस को शक हुआ तो जांच शुरू की। पुलिस ने शुक्रवार को मामले का खुलासा कर साजिश में शामिल 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी फरार है। मामला बांसवाड़ा के सल्लोपाट थाना इलाके का है।
थाना इंचार्ज देवीलाल खटीक ने बताया- मर्डर और सबूत मिटाने के आरोप में गरदाना (चित्तौड़गढ़) निवासी दिव्यांग भैरूलाल और आकोला खुर्द (चित्तौड़गढ़) निवासी ट्रेलर ड्राइवर इब्राहिम खान को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी गुवारड़ी (अजमेर) का रहने वाला नरेंद्र सिंह रावत है, जो फरार है। उसकी तलाश में टीमें रवाना की गई है।
एसपी बोले- लाश का सिर बुरी तरह कुचला था बांसवाड़ा एसपी हर्षवर्धन अगरवाला ने बताया- जिले के सल्लोपाट थाना इलाके में नेशनल हाईवे-56 (चित्तौड़गढ़-दाहोद) पर झेर बड़ी गांव में 1 दिसंबर की सुबह अज्ञात शव मिला था। व्यक्ति को भारी वाहन से कुचला गया था। लाश का सिर बुरी तरह कुचला गया था। चेहरे से पहचान कर पाना मुश्किल था। लाश के पास एक बैग था, जिसकी तलाशी में नरेंद्र सिंह रावत के डॉक्युमेंट मिले।
एसपी ने बताया- पुलिस ने डॉक्युमेंट के आधार पर नरेंद्र सिंह के परिजनों को बांसवाड़ा जिला हॉस्पिटल की मॉर्च्यूरी बुलाया। परिजनों ने लाश को देखकर कहा कि यह नरेंद्र सिंह नहीं है। मृतक की पहचान नहीं होने पर 5 दिसंबर को नगर पालिका बांसवाड़ा के जरिए लाश का अंतिम संस्कार कर दिया।
जांच में हुआ साजिश का खुलासा
हर्षवर्धन अगरवाला ने बताया- पुलिस ने नरेंद्र सिंह की तलाश शुरू की। जांच आगे बढ़ी तो पुलिस नरेंद्र सिंह के एक साथी पूर्व ड्राइवर भैरूलाल तक पहुंची। पहले तो भैरूलाल ने कहा कि वह नरेंद्र को ज्यादा नहीं जानता है। लेकिन पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने पूरी साजिश का खुलासा कर दिया। भैरूलाल के बताने पर ट्रेलर ड्राइवर इब्राहिम खान को भी गिरफ्तार किया गया। भैरूलाल ने पुलिस को बताया कि जो लाश मिली वह नरेंद्र सिंह की नहीं थी। वह रामगंजमंडी (कोटा) का रहने वाला तूफान सिंह था, जो रामदेवरा में भीख मांगने वाला था।
दोस्त भैरूलाल को बताई कर्ज की बात, साजिश रची भैरूलाल ने पुलिस को बताया- नरेंद्र से मेरी मुलाकात रामदेवरा (जैसलमेर) में हुई थी। तभी से हम दोस्त थे। नरेंद्र सिंह पर काफी कर्जा था और कर्जदार उसे परेशान कर रहे थे। उसने कई बीमा करा रखे थे। ऐसे में उसने किसी का मर्डर कर खुद की मौत साबित करने की साजिश रची थी। उसने मुझे बताया कि किसी को एक्सीडेंट में मार डालते हैं और इसके बाद लाश के पास उसके डॉक्युमेंट रख देंगे। इस तरह वह कर्जदारों से छुटकारा पा लेता और बीमा क्लेम भी उठाता।
भैरूलाल ने बताया- मैं पहले ड्राइवर था और मेरी पहचान चित्तौड़गढ़ के ट्रेलर ड्राइवर इब्राहिम से थी। हमने उसे भी साजिश में शामिल कर लिया। अब हमें एक ऐसे व्यक्ति की तलाश थी जो लावारिस हो, अकेला रहता हो और उसके पास अपने दस्तावेज नहीं हो। 26 नवंबर को नरेंद्र रामदेवरा से एक भिखारी तूफान सिंह को अपने साथ लेकर आया। उसने तूफान को गुजरात में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। उस समय इब्राहिम ट्रेलर लेकर गुजरात गया हुआ था। हम इब्राहिम के लौटने का इंतजार करते रहे और 4 दिन तक तूफान को शराब पिलाकर इधर-उधर घुमाते रहे।
साथियों को भी रुपए देने का किया वादा
भैरूलाल ने बताया- 30 नवंबर को इब्राहिम ट्रेलर लेकर बांसवाड़ा पहुंचा। मैं, नरेंद्र और इब्राहिम लक्ष्मीपुर निंबाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) होटल पर मिले। वहां तीनों ने तूफान को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। नरेंद्र ने मुझे 85 हजार रुपए और इब्राहिम को 65 हजार रुपए देने का वादा किया था।
उसी दिन हम तूफान को ट्रेलर में बैठाकर गुजरात में काम-धंधा दिलाने का झांसा देकर अपने साथ ले गए।
बांसवाड़ा से 30 किमी दूर कलिंजरा के पास ट्रेलर रोककर तूफान को खूब शराब पिलाई। वह बेसुध हो गया तो उसे ट्रेलर में डाला और सल्लोपाट क्षेत्र के झेर चौकी के आगे बोर डाबरा इलाके तक ले गए। सुनसान जगह देख गाड़ी रोककर तूफान को नीचे उतारा। उसे सड़क पर लैटाया और इब्राहिम ने सीमेंट से भरा ट्रेलर उसके सिर के ऊपर से निकाल दिया। नरेंद्र के दस्तावेज वाला बैग लाश के पास पटक दिया। इसके बाद इब्राहिम ट्रेलर लेकर लीमड़ी (गुजरात) की तरफ रवाना हो गया। नरेंद्र और मैं वहां से रोडवेज बस में बैठकर वहां से निकल गए।