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बांसवाड़ा-अपर सेशन न्यायालय (एडीजे) ने पत्नी की निर्मम हत्या के तीन साल पुराने मामले में शुक्रवार को पति उपलापाड़ा टिमुरवा निवासी श्यामलाल कटारा को दोषी करार दिया।
पीठासीन अधिकारी नवीन कुमार चौधरी ने दोषी पति को आजीवन कारावास और एक लाख रुपए आर्थिक दंड से भी दंडित किया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 36 गवाह पेश किए गए। दोनों की शादी को 10 साल हुए थे और एक बेटा भी है।
वारदात 21 मई, 2021 की है। परिवादी दोषी श्यामलाल के भाई राजेश ने अरथूना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें बताया कि उसके घर के पास ही उसके भाई श्यामलाल का घर है। देररात 5 वर्षीय भतीजे अश्विन के रोने की आवाज आई। मेरी मां ने भतीजे की आवाज सुनी तो श्यामलाल के घर पहुंची। जहां अश्विन ने रोते हुए मां को बताया कि उसकी मां अल्का उठ नहीं रही है और पिता श्यामलाल घर पर नहीं है।
अंधेरा होने से मां घर लौट आई और फिर से अपने बेटे यानी श्यामलाल के भाई रविशंकर को लेकर वापस घर गई। जहां मोबाइल की रोशनी में देखा तो भाभी अल्का खाट पर पड़ी हुई थी। गले में गहरा घाव था और उसके नीचे दो और घाव थे। खाट के नीचे खून पड़ा था। किसी धारदार हथियार से हमला करने की आशंका प्रतीत हुई। अश्विन ने बताया कि मम्मी और पापा के बीच रात को झगड़ा हुआ था।
इस पर पापा ने मम्मी को मारा था। रिपोर्ट आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। जून, 2021 में पुलिस ने आरोपी श्यामलाल को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि श्यामलाल पत्नी पर संदेह करता था। वह तनाव में था। पत्नी की हत्या के बाद उसने भाई को कॉल करके घटना के बारे में बताया था। कुल्हाड़ी से अल्का पर वार करने जांच में सामने आया था। वहीं, जानकारी होने के बाद भी श्यामलाल पत्नी के दाह संस्कार में नहीं आया। अपर लोक अभियोजक गौरव उपाध्याय ने बताया कि कोर्ट ने पत्रावलियों के अवलोकन और साक्ष्यों के आधार पर श्यामलाल को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।