PALI SIROHI ONLINE
*न्यूज़ रिपोर्ट डीके देवासी*
जयपुर मे सरकार सें वार्ता करते हुए बालराई महा-पड़ाव के दौरान सरकार से बनी सहमति के अनुरूप आज राष्ट्रीय पशुपालक संघ एवं डीएनटी संघर्ष समिति के अध्यक्ष लालजी राईका के नेतृत्व में एक दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल और राजस्थान सरकार के मध्य वार्ताएं हुई राज्य सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने इस वार्ता का नेतृत्व किया
लालजी राईका ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा दस माँगों का पूरा विस्तार से बताया । डीएनटी समाज को अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण देना , दस प्रतिशत राजनीतिक आरक्षण , आवास और पट्टे की व्यवस्था , शिक्षा और रोजगार प्रदान करना थे
इन समुदायों के लिए अलग से आरक्षण की सिफारिशें रेनेके और इदाते आयोग पहले ही कर चुके हैं इंदिरा साहनी केस में सर्वोच्च न्यायालय ने ओबीसी का उपवर्गीकरण करने का सुझाव दिया था और डीएनटी समाजों को “ अति पिछड़ा वर्ग “ के अंतर्गत ग्रुप “ए” में रखा गया था । यही सिफारिश ओबीसी आयोग ने की थी । सीजेआई चंद्रचूड़ की पीठ ने भी एससी वर्ग के उपवर्गीकरण का निर्णय दिया था । सर्वोच्च न्यायालय के दोनों निर्णय में यह कहा गया है की राज्य सरकार चाहे तो उपवर्गीकरण कर सकती है
डीएनटी संघर्ष समिति ने उपरोक्त तथ्यों के तहत ही आरक्षण माँगा है समिति के अध्यक्ष लालजी राईका ने बताया कि डीएनटी वर्ग “ आरक्षण के भीतर आरक्षण” के माँग कर रहा है । इससे आरक्षण की सीमा 50 % से ऊपर भी नहीं जाएगी । डीएनटी को आंध्रप्रदेश सरकार के मॉडल पर आरक्षण दिया जा सकता है जहाँ पर डीएनटी को “ए “ वर्ग में अलग से आरक्षण दिया गया है
राजस्थान में 50 से ज़्यादा जातियाँ डीएनटी वर्ग में आती हैं जिनके जनसंख्या 1.23 करोड़ ( कुल जनसंख्या का 15%) आता है । इन समाजों का प्रशासन और शिक्षण संस्थानों में नगण्य प्रतिनिधत्व है । आज़ादी के बाद भी इन समाजों की हालत सबसे बदतर है
घुमंतू, अर्द्ध-घुमंतू और विमुक्त जाति परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रतननाथ कालबेलिया ने बताया की डीएनटी वर्ग की 70-80% लोगों के पास पट्टे और घर नहीं है सरकार ने यह कहकर अपनी जिम्मेदारी टाल दी है कि ये लोग गोचर या वन भूमि में बैठे हैं
जबकि ये परिवार दशकों से यहाँ रहते हैं । ये समाज गाँव की सीमा पर या बाहर रहते हैं । संघर्ष समिति ने इनको पट्टे जारी करने की माँग रखी है । भूमिहीनों को गाँव में 300 गज और शहर में 100 गज जमीन देने की माँग रखी गई है
आज संघर्ष समिति के अध्यक्ष लालजी राईका ने अपनी माँगों के बारे में प्रेजेंटेशन दिया और एक एक माँग का विस्तार से वर्णन किया लालजी राईका के दस प्रतिशत पर आयोग गठित करने के सुझाव पर सरकार ने सकारात्मक रूख अपनाया पट्टे पर अधिनियम की बात भी सरकार ने सकारात्मक रूप से लिया
इन निर्णयों पर विचार कर सरकार दो माह के बाद प्रतिनिधि मंडल के साथ बात करेगी और दोनों मिलकर अंतिम निर्णय लेंगे
संघर्ष समिति के प्रतिनिध मंडल में लालजी राईका, रतननाथ कालबेलिया, पूर्व एएसपी सेठाराम बंजारा कपूरजी राईका, ज्ञान सिंह सांसी , शेरसिंह आज़ाद ( योगी ), एडवोकेट शंकर गाड़िया लुहार , गीता बेन बागरिया, भीखू सिंह राईका, डॉ सुखराम देवासी थे
