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अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 67 साल के थे। मध्य प्रदेश के रीवा में उन्होंने अंतिम सांस ली।
10 दिसंबर को वे दिल्ली से रीवा पहुंचे। वहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। दो दिनों से वे रीवा के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भर्ती थे।
रामविलास वेदांती हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास के शिष्य थे। वह अयोध्या में हिंदू धाम नया घाट पर रहते थे। उनका एक आश्रम वशिष्ठ भवन भी है। रामलला और हनुमानगढ़ी के सामने उन्होंने कई दशक तक रामकथा की।
संस्कृत के विशिष्ट विद्वान माने जाते थे। वे रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य रहे। इसके साथ ही भाजपा के टिकट से सांसद भी बने।
पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा, कल 8 बजे अंतिम संस्कार
डॉ. रामविलास दास वेदांती के उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास वेदांती ने बताया- महाराजजी का पार्थिव शरीर आज अयोध्या लाया जा रहा है। महाराज जी की अंतिम यात्रा का जुलूस हिंदू धाम से सोमवार सुबह निकलेगा और राम मंदिर तक जाएगा। सरयू तट पर सुबह 8:00 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
12 साल की उम्र में अयोध्या आए, 2 बार सांसद रहे
डॉ. वेदांती का जन्म रीवा के गुढ़वा गांव में 7 अक्टूबर 1958 को हुआ था। जब वे दो साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया था। पिता का नाम राम सुमन त्रिपाठी पुरोहित थे और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के गुरु थे। वेदांती 12 साल की उम्र में अयोध्या आए थे।

