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खीमाराम मेवाडा
संत शिरोमणि नामदेव महाराज एव विठ्ठल विठ्ठल जय हरी विठ्ठल के जयघोष से गूंजा आसमा
देश की पहली आध्यात्मिक रथयात्रा का हुआ भव्य स्वागत
तखतगढ, 14 नवंबर (खीमाराम मेवाडा) संत शिरोमणि नामदेव महाराज की 755वीं जयंती के उपलक्ष्य में निकली देश की पहली आध्यात्मिक रथयात्रा का गुरुवार देर शाम तखतगढ़ नगर में भव्य स्वागत हुआ। नगर में रथयात्रा के प्रवेश पर नामदेव छीपा युवा परिषद्, तखतगढ़ द्वारा जालौर चौराहे पर पुष्पवर्षा, जयघोष और भगवा पताकाओं के साथ आत्मीय स्वागत किया गया।
इसके पश्चात शोभायात्रा नगर के मुख्य बाजार मार्गों, ठाकुरजी मंदिर पहुंचने पर ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष नचाराम कुमावत के सानिध्य में पदाधिकारी ने धूमधाम से स्वागत किया तत्पश्चात कुंदेश्वर महादेव मार्ग से होती हुई सुमेरपुर रोड स्थित रांकावत वाटिका तक निकाली गई। नगर के प्रत्येक मार्ग पर श्रद्धालुओं और नागरिकों ने यात्रा का जगह जगह स्वागत किया। ढोल-ताशों की थाप, संत परंपरा के जयघोष और भगवा पताकाओं से पूरा तखतगढ़ नगर आध्यात्मिक माहौल में डूबता नजर आया।
पालखी के साथ आई वारकरी दिंडी ने पखवाज और टाळ की लय पर “विठ्ठल विठ्ठल जय हरी विठ्ठल” के उद्घोष करते हुए जब नगर भ्रमण किया, तो वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो उठा। महिला वारकऱ्यां और तखतगढ़ की महिला ग्रामस्थों ने संयुक्त रूप से पारंपरिक महाराष्ट्रीयन एवं राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत कर भक्तिरंग में चार चांद लगा दिए।
यह रथयात्रा भागवत धर्म प्रसारक मंडल, पालखी सोहळा पत्रकार संघ एवं श्री नामदेव दरबार समिति के संयुक्त तत्वावधान में निकाली जा रही है। यात्रा का उद्देश्य समाज में शांति, समानता, भाईचारा और संत परंपरा के आदर्शों का प्रसार करना है।
कार्यक्रम में पालखी सोहळा पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्यकांत जिभे, खजिनदार मनोज मांढरे, राजेंद्रकृष्ण कापसे, चैतन्य फुलसरे सहित अनेक श्रद्धालु, संत अनुयायी और स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
रात्रि में रांकावत वाटिका परिसर में “एक शाम संत शिरोमणि श्री नामदेव महाराज के नाम भजन संध्या” का आयोजन हुआ, जिसमें भजन कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भक्ति गीत प्रस्तुत किए। भजन संध्या के दौरान पूरा परिसर संत नामदेव महाराज की भक्ति धारा में लीन हो गया।
कार्यक्रम में सहयोग देने वाले भामाशाहों एवं नगरपालिका उपाध्यक्ष मनोज नामा, पूर्व उपाध्यक्ष प्रकाश कुमार सोलंकी एवं समाजसेवियों का स्वागत कर उनका सम्मान किया गया। वही साथ में समाज के प्रशासनिक अधिकारियों का भी स्वागत किया गया,
यह रथयात्रा पंढरपुर (महाराष्ट्र) से प्रारंभ होकर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से होती हुई घुमान (पंजाब) तक पहुंचेगी, जहाँ यह यात्रा 3 दिसंबर को अपने गंतव्य पर पहुंचेगी।
तखतगढ़ नगर में इस ऐतिहासिक रथयात्रा के आगमन ने पूरे क्षेत्र को भक्ति, एकता और संत परंपरा के संदेश से आलोकित कर दिया।




