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उदयपुर-उदयपुर में घर में घुसकर एक लेपर्ड ने महिला और उसके 3 साल की बेटे पर हमला कर दिया। चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने लेपर्ड को एक कमरे में बंद कर दिया। कुछ देर तक बाहर निकलने की कोशिश करने के बाद लेपर्ड गेट का एक हिस्सा तोड़कर भाग गया।
ग्रामीणों ने करीब 500 मीटर तक लेपर्ड का पीछा किया, इसके बाद वह पास में बने एक पोल्ट्री फार्म में जा घुसा। करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने उसे बाहर निकाला। यह घटना कुराबड़ के बेमला ग्राम पंचायत के आड़ी तलाई क्षेत्र में हुई। घायल मां-बेटे को सीएचसी कुराबड़ में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति सामान्य बताई गई है।
कुराबड़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी राम नारायण डांगी ने बताया-ग्रामीणों की सूचना पर मुख्यालय को जानकारी दी थी। रेस्क्यू टीम ने शूटर जितेंद्र अजित कुमार ने लेपर्ड का ट्रेंकुलाइज किया। उदयपुर इलाज के बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा।
घर में घुसा लेपर्ड, मां-बेटे पर हमला किया
ग्रामीण गज सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 11:30 बजे बद्रीलाल मीणा के घर के बाहर अचानक एक लेपर्ड घुस गया। उस समय घर के आंगन में बद्रीलाल की पत्नी मंजू बाई (25) और तीन साल का बेटा रोहित था। लेपर्ड ने झपट्टा मारते हुए दोनों को गिरा दिया, जिससे वे घायल हो गए।
लेपर्ड घर के पक्के कमरे में जा घुसा
ग्रामीण गज सिंह ने बताया- महिला के शोर मचाने पर लेपर्ड घर के पक्के कमरे में जा घुसा। इस पर वहां से गुजर रहे ग्रामीणों ने सूझबूझ दिखाते हुए कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। करीब तीन घंटे बाद उसने दरवाजा तोड़कर बाहर निकल भागा और करीब 500 मीटर दूर एक पोल्ट्री फार्म में घुस गया। ग्रामीणों ने वहां भी दरवाजा बंद कर उसे भीतर कैद कर दिया।
आठ मिनट में लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज किया
दोपहर 2 बजकर 18 मिनट पर उदयपुर से वन्यजीव उड़नदस्ता टीम ने पहुंचकर करीब आठ मिनट में लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज किया। इसके बाद टीम ने उसे सुरक्षित पिंजरे में बंद किया और इलाज के लिए उदयपुर के सज्जनगढ़ के लिए रवाना हुई। सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकारी रामनारायण डांगी, वनकर्मी ओमप्रकाश, जयसिंह व अन्य स्टाफ, तथा कुराबड़ थाना प्रभारी प्रभुलाल मीणा पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे।
