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सांचौर-किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर 27 अक्टूबर को उपखंड कार्यालय चितलवाना पर विशाल किसान महापड़ाव प्रस्तावित है। इसका आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा और राजस्थान किसान सभा के संयुक्त तत्वावधान में किया जाएगा। महापड़ाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, जिसके तहत गांव-गांव जाकर किसानों से अधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान किया जा रहा है।
इसी क्रम में डावल गांव में एक सभा का आयोजन किया गया। इसमें मोर्चा के जिला अध्यक्ष ईशराराम विश्नोई ने हजारों किसानों को संबोधित करते हुए महापड़ाव में शामिल होने का न्योता दिया। उन्होंने किसानों की लंबित समस्याओं पर प्रकाश डाला।
विश्नोई ने बताया कि चितलवाना तहसील के किसानों के 88 करोड़ रुपए के आदान अनुदान पिछले तीन साल से बकाया हैं। कई राजस्व गांवों में गिरदावरी ऐप बंद होने के कारण किसानों का भुगतान अटका हुआ है, जबकि सांचौर तहसील में 40 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी पर भी किसानों की अनुमति के बिना रबी और खरीफ सीजन में पांच बार प्रीमियम लिया, लेकिन फसल खराबे के बावजूद एक बार भी बीमा क्लेम नहीं दिया। इसके अलावा, नर्मदा नहर प्रणाली और वितरिकाओं की खराब हालत पर भी चिंता व्यक्त की गई। नहरों की सफाई और टूटी वितरिकाओं की मरम्मत न होने से रबी सीजन की तैयारी प्रभावित हो रही है।
विरद सिंह चौहान ने कहा कि सरकार और प्रशासन किसानों की इन समस्याओं के प्रति असंवेदनशील हैं, जिसके कारण किसानों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं, ग्राम इकाई डावल के अध्यक्ष लादूराम साहू ने बताया कि चितलवाना महापड़ाव में डावल गांव से सैकड़ों किसान शामिल होंगे।सभा में बाबूलाल साऊ, प्रताप सियाक, पूनमाराम साहू, मांगीलाल जाणी, मालाराम सियाक, भूपेंद्र पूनिया, दिलीप गर्ग, बुधाराम साऊ, सुखराम विश्नोई, गंगाराम पूनिया, आदूलाल साऊ, पूर्व सरपंच वरिंगाराम खिलेरी, घमजी जाणी, गोपाल सिंह, देवीलाल साऊ, भगवानाराम फौजी, रूपाराम गौदारा, एडवोकेट हेमंत सियाक, भागीरथ साऊ, आसूराम और धीमाराम सहित कई गांवों के किसान मौजूद रहे।
