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सिरोही-सिरोही मंडल वन अधिकारी ने पेड़ों की अवैध कटाई कराने के आरोप में सहायक वनपाल और रेंजर को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, पीड़ित ठेकेदार ने वन विभाग पर उसे नाजायज परेशान करने का आरोप लगाया है। जबकि मामले में मंडल वन अधिकारी ने विभाग की बदनामी होने की बात का बहाना लेकर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है।
जानकारी में सामने आया है कि जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर वन खंड राजल डाबेला स्थित जलेरी माता मंदिर के पास 50 हेक्टेयर वन भूमि पर पौधारोपण के लिए सफाई की जानी थी। मौके पर जूली फ्लोरा के पेड़ भी मौजूद थे। वन विभाग ने जगह की सफाई के लिए जूली फ्लोरा के पेड़ काटने का ठेका 10 लाख रुपए में ठेकेदार अता मौहम्मद को दे दिया। जिसके तहत ठेकेदार ने 5 लाख का एडवांस सहायक वनपाल मीना को दे दिया। बाकी कटाई होने के बाद देना तया हुआ। दी हुई राशि में से 4 लाख रुपए देने का वीडियो ठेकेदार के पास मौजूद है।
सहायक वनपाल को दिया 5 लाख एडवांस
ठेकेदार का आरोप है कि 5 लाख रुपए सहायक वनपाल को देने के बाद उसने पेड़ काटने की तीन मशीनें और 25 ट्रैक्टर लगाकर जूली फ्लोरा के पेड़ों की कटाई शुरू की। 4 दिसंबर को उसके लकड़ी ले जा रहे ट्रक को सिरोही वन मंडल अधिकारी ने पकड़ लिया। ठेकेदार ने उन्हें बताया कि 5 लाख रुपए एडवांस देकर उसने पेड़ काटने का ठेका लिया है। जिसका ऑर्डर रेंजर के पास है, जो उसे नहीं मिला है। इस पर मंडल वन अधिकारी ने ट्रक को खाली कराकर छोड़ दिया।
दो ट्रकों का काटा चालान
ठेकेदार ने बताया कि जब उसने रेंजर से ऑर्डर के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि मंडल वन अधिकारी से उनकी बात हो गई है। आप बैखौफ होकर पेड़ काटकर ले जाएं। इसके बाद उसने काम फिर शुरू कर दिया, लेकिन 8 दिसंबर को सिरोही से करीब 35 किलोमीटर दूर बावरी स्वरूपगंज के पास वन विभाग ने दोबारा उसके दो ट्रक पकड़ लिए और 9 दिसंबर को चालान कर दिया।
ठेकेदार का कहना है कि अगर पेड़ों की कटाई अवैध थी तो वन विभाग को यह बात पहले ही बता देनी चाहिए थी। वह पेड़ों की कटाई का काम बंद कर देता। अब वन विभाग उनके ट्रकों को नहीं छोड़कर परेशान कर रहा है। ठेकेदार ने बताया कि वन विभाग कार्यालय के कई चक्कर लगाने के बाद आज बुधवार को उन्होंने बताया कि ट्रकों को कोर्ट से छुड़ाना होगा। ऐसे में मजबूरन उसे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कार्यालय में रिपोर्ट दर्ज करवानी पड़ रही है।
दो अधिकारी सस्पेंड
मामले में मंडल वन अधिकारी कस्तूरी प्रशांत सूले ने बताया कि पेड़ की कटाई की सूचना उन्हें मिली थी। प्रारंभिक जांच के मीना विश्नोई को सस्पेंड कर दिया था, बाद में रेंजर किशन सिंह राणावत को भी सस्पेंड कर दिया है।
मामले में मंडल वन अधिकारी कस्तूरी प्रशांत सूले ज्यादा कुछ भी बोलने से कतरा रहीं हैं। उनका कहना है कि इस मामले की खबर बाहर जाने से उनके कार्यालय की बदनामी होगी। इसलिए इस मामले को वे कार्यालय के बाहर नहीं ले जाना चाहतीं हैं।