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बूंदी-फाइनेंस कंपनी ने होम लोन की रिकवरी के लिए मकान पर ताला लगाया तो युवती ने सदमे में आकर जहरीला पदार्थ पी लिया। हॉस्पिटल में इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई। घटना शनिवार को बूंदी के केशोरायपाटन थाना क्षेत्र तीरथ गांव में हुई।युवती की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने शव उठाने से इनकार कर दिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को दौसा-लालसोट मेगा हाईवे के तीरथ चौराहे पर जाम लगा दिया। युवती के परिजन ने आरोप लगाया कि आवास फाइनेंसियर्स लिमिटेड कंपनी के लोग कई दिनों से हमें प्रताड़ित कर रहे थे। परिजन और ग्रामीण कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने, लोन माफ करने और मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
घर पर ताला लगा देख सदमे में आईकेशोरायपाटन एसएचओ देवेश भारद्वाज ने बताया- तीरथ गांव के महेश मीणा के मकान पर आवास फाइनेंसियर्स कंपनी ने लोन नहीं चुकाने पर शनिवार दोपहर करीब एक बजे ताला लगा दिया था। शाम करीब 4 बजे खेत से लौटी महेश मीणा की बेटी दिव्या मीणा (22) मकान पर ताले की कार्रवाई देखकर सदमे में आ गई। थोड़ी देर बाद उसने कीटनाशक पी लिया। उसकी तबीयत बिगड़ गई।परिजन उसे कोटा के एमबीएस अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महेश मीणा की पत्नी की भी डेढ़ साल पहले मौत हो चुकी है। घटनाक्रम की जांच के बाद जरूरी कार्रवाई करेंगे।घर पर कोई नहीं था, लगा दिया तालायुवती के चाचा धर्मराज मीणा ने बताया कि शनिवार दोपहर को महेश के घर पर कोई नहीं था।
उसी समय दो गाड़ियों में फाइनेंस कंपनी और पुलिस के लोग आए। उन्होंने बाहर खड़ी बाइक और अन्य सामान घर के अंदर रखकर दोपहर एक बजे ताला लगा दिया।इसकी सूचना पर परिवार के लोग आए तो उनके साथ धक्का-मुक्की की। दिव्या की मां ने भी इस फाइनेंस कंपनी की प्रताड़ना से परेशान होकर फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। महेश दूध बेचने का काम करता है।6 लाख रुपए का लोन था, 12 लाख मांग रहेधर्मराज ने बताया कि महेश ने 2021 में साढ़े छह लाख का लोन लिया था। 11-11 हजार की 14 किस्त देने के बाद वह डिफॉल्टर हो गया। कंपनी ने 12 लाख रुपए का तकाजा करते हुए परेशान करना शुरू कर दिया।
महेश की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह लोन की पूरी राशि चुका सके। इससे पूरा परिवार ही सदमे में था।कानूनी प्रक्रिया की पालना कीआवास फाइनेंसियर्स कंपनी के नोटिस में लिखे हुए नंबरों से बात हुई तो कंपनी से जुड़े लोकेंद्र सिंह ने बताया कि कार्रवाई लीगल है। इसके लिए एसपी-कलेक्टर को हमने जाब्ते की व्यवस्था के लिए 1 लाख रुपए जमा करवाए। इसके बाद बूंदी लाइन पुलिस और केशोरायपाटन थाना पुलिस से जाब्ते की व्यवस्था के बाद मकान पर कब्जे की कार्रवाई की है। करीब सात लाख का लोन था। 2 साल से किस्त नहीं दे रहे हैं। हमने कब्जे की कार्रवाई के लिए कानूनी प्रक्रिया की पालना की है।