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पाली-घर में सोई 12 साल की एक बच्ची को सांप ने काट लिया। गंभीर हालत में उसे शहर के हॉस्पिटल रेफर किया। सांप के काटने से लड़की न्यूरो पैरालिसिस का शिकार होकर कोमा में चली गई थी। डॉक्टरों से उसे वेंटिलेटर पर रखा और 7 दिन बाद बच्ची को होश आ गया।
मामला पाली जिले के सोजत का है। लड़की का इलाज पाली के बांगड़ हॉस्पिटल में चला, जहां उसे डॉक्टरों ने नया जीवन दे दिया। अब उसकी तबीयत से धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
कॉमन करैत नस्ल के जहरीले सांप ने डसा
जिले के सोजत सिटी के नेहड़ा बेड़ा गांव निवासी पारसमल की 12 साल की बेटी प्रियांशी को सांप ने डस लिया था। 10 नवंबर को प्रियांशी घर पर परिवार के साथ सो रही थी। इस दौरान सुबह 4.30 बजे उसे कॉमन करैत सांप ने डस लिया।
उसने मां को जगाया और कहा कि उसे सांप ने हाथ पर काट लिया है। मां ने लाइट जलाई तो सांप नजर आया। देखते ही देखते सांप आंखों के सामने से ओझल हो गया। सांप के काटने से प्रियांशी बेहोश हो गई।
परिजन उसे लेकर सोजत सिटी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर्स ने प्रियांशी की स्थिति देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया।
11 नवबंर को पहुंची थी बांगड़ हॉस्पिटल
परिजन उसे बेसुध अवस्था में 11 नवंबर को उसे बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. रफीक कुरैशी की यूनिट में पीआईसीयू वार्ड में भर्ती किया। यूनिट के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. एसएन स्वर्णकार, कनिष्ठ विशेषज्ञ परेश दवे, कनिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. कपिल टाक और डॉ. चंद्रवीर परमार ने मरीज को वेटिंलेटर पर लेकर इलाज शुरू किया।
डॉक्टर्स ने बताया- बच्ची को सांप काटने के 2 घंटे बाद ही न्यूरो पैरालिसिस हो गया था। जिससे वो कोमा में चली गई। ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया। समय पर इलाज नहीं मिलने पर बच्ची की मौत हो सकती थी।
66 टीम ने सांप का जहर कम करने के लिए एंटी स्नेक वेनम और लाइफ सेविंग दवाएं देकर बच्ची की जान बचाई। बच्ची की हालत को देखते हुए उसे वेंटिलेटर पर ऑब्जर्वेशन में रखकर इलाज शुरू किया। वह सात दिन तक वेंटिलेटर पर रही।
आठवें दिन बच्ची के शरीर में सुधार देख उसे वेंटिलेटर से हटाया। उसके होश में आने से परिजन भी खुश है। डॉक्टर्स ने बताया कि बच्ची के सामान्य रूप से बोलने और चलने तक इलाज जारी रहेगा।
डॉक्टर बोले- दो प्रकार के होते है सांप
पीडियाट्रिक विभाग के कनिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. परेश दवे ने बताया- सांप दो प्रकार के होते हैं। पहला न्यूरो पैरालाइटिक और दूसरा हिमेटोटोक्सिक। न्यूरो पैरालाइटिक में सांप का जहर सीधे मरीज के दिमाग पर असर करता है। जिससे मरीज को न्यूरो पैरालिसिस हो जाता है और ब्रेन काम करना बंद कर देता है।
हिमेटोटोक्सिक में मरीज के शरीर में ब्लड का थक्का बनना बंद हो जाता है। जिससे अंग काम करना बंद कर देते हैं और धीरे-धीरे अंग खराब होते होते मरीज को गैगरीन हो जाता है। जिससे मरीज का अंग काटना पड़ जाता है।
बच्ची को न्यूरो पैरालाइटिक सांप ने काटा था। जिसके चलते उसे 2 घंटे में ही न्यूरो पैरालाइसिस हो गया।