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टोंक। आवां कस्बे में एक ही परिवार में पांच दिन में मां बेटे समेत तीन जनों की मौत हो गई जिससे परिवार में कोहराम मच गया। गांव में भी माहौल गमगीन है। आलम यह है कि परिवार में मातम मनाने वाले भी गिने चुने बचे है। उनमें से भी कुछ सड़क हादसे में घायल होकर अस्पताल में भर्ती है। अब घर पर मृतक चंद्रप्रकाश का बुजुर्ग पिता है, जिसकी रो-रो कर आंखे भी पथरा सी गई है। मृतक के दो बच्चियां और एक दो साल का बेटा है। सभी नाबालिग है। मृतक के बड़े भाई की भी करीब तीन साल पहले मौत हो गई थी। दोनों भाई माताजी का भंडारा लगाते थे। पिता गांव में गोपाल भगवान की सेवा पूजा करते है।
दरअसल, आवां निवासी चंद्रप्रकाश पाराशर (23) पुत्र लक्ष्मण पाराशर की बड़ी मां का पांच दिन पहले निधन हो गया था। मंगलवार शाम को वह उनकी अस्थियां विसर्जित करने कार से अपने जीजा, मां, बेटियों के साथ हरिद्वार जा रहा था। इस दौरान बुधवार अल सुबह करीब 4 बजे रुड़की में इनकी कार एक टेंपो से टकरा गई। हादसा इतना जोरदार था कि मौके पर ही आगे बैठे चंद्रप्रकाश पाराशर की मौत हो गई। इसकी मां मुन्नी देवी(70), चालक आवां निवासी चालक मुकेश सोनी, चंद्रप्रकाश के जीजा, बहन, दोनों बच्चियां घायल हो गए। पुलिस ने परिजनों को इसकी सूचना दी। बुधवार को यहां से ग्रामीण गए और शव और घायलों को लेकर आए। घायलों को देवली अस्पताल में भर्ती करा दिया।
उधर ग्रामीणों ने सुबह चंद्रप्रकाश का अंतिम संस्कार कर दिया। वे अंतिम संस्कार कर वापस घर लौटे ही थे कि करीब 10 बजे देवली के अस्पताल में भर्ती मृतक चंद्र प्रकाश की मां मुन्नी देवी ने भी दम तोड़ दिया। उसकी सूचना मिलने के बाद फिर परिवार में फिर कोहराम मच गया। फिर ग्रामीणों ने मिलकर उसकी मां का शव देवली से शाम को लाया और उसका अंतिम संस्कार किया गया। एक ही दिन में मां बेटे का अंतिम संस्कार कर गांव में भी माहौल गमगीन हो गया। आवां सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज ने सीएम से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
पहले मृतक के भाई की भी कैंसर से हो चुकी है मौत
करीब तीन साल पहले मृतक चंद्रप्रकाश पाराशर के बड़े भाई गणेश पाराशर की भी कैंसर से मौत हो गई थी। फिर गत दिनों इनके पास रह रही विधवा बडी मम्मी का भी वृद्धवस्था में निधन हो गया।