PALI SIROHI ONLINE
बाड़मेर-बच्चे को पैदा हुए करीब 24 घंटे ही हुए थे कि उसके परिजन उसे रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में छोड़कर चले गए। बच्चा रो रहा था। एक पैसेंजर ने उसके रोने की आवाज सुनी। उसने ट्रेन के कोच के अंदर जाकर देखा तो नवजात एक सीट पर कंबल में लिपटा हुआ था।
पैसेंजर ने तुरंत रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को सूचना दी। बच्चे की मां और परिजन को तलाश किया गया, लेकिन वे नहीं मिले। मामला बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर बाड़मेर-ऋषिकेश एक्सप्रेस ट्रेन का मंगलवार सुबह 7 बजे का है।
आरपीएफ थाने के सीआई कुंभाराम जाट ने बताया- सूचना मिलने पर रेलवे अधिकारी और आरपीएफ टीम मौके पर पहुंची। रेलवे मेडिकल टीम को भी बुलाया। बच्चे को बाड़मेर जिला अस्पताल के मातृ शिशु कल्याण केंद्र में भर्ती करवाया है। गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) मामले की छानबीन कर रही है। बच्चा हमारी खास प्राथमिकता में है।
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे का जन्म 24 घंटे के अंदर ही हुआ है। फिलहाल उसे ऑक्सीजन पर रखा है और हालत नाजुक है।
कोच में लोअर बर्थ पर मिला
जानकारी के अनुसार, आज सुबह 5 बजे बाड़मेर-ऋषिकेश एक्सप्रेस (14888) प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर आई थी। सुबह 7 बजे ट्रेन में यात्री सवार हो रहे थे। तब एस-4 कोच से बच्चे के रोने की आवाज आई।
एक यात्री ने कोच में चढ़कर चेक किया तो साइड लोअर बर्थ नंबर-71 पर कंबल में लिपटा नवजात मिला।
यात्री ने कोच में बच्चे की मां या परिवार के सदस्य को तलाश किया, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। यात्री ने वहां मौजूद कॉन्स्टेबल भीमाराम पूनड़ को बच्चा मिलने की सूचना दी।
कॉन्स्टेबल ने स्टेशन मास्टर और आरपीएफ को इसके बारे में सूचना दी। आरपीएफ ने भी बच्चे के माता-पिता और परिजन की तलाश की। बच्चे के माता-पिता और परिजन नहीं मिले तो उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया।
बता दें कि बाड़मेर-ऋषिकेश एक्सप्रेस ट्रेन बाड़मेर से सुबह 8:30 बजे रवाना होकर बालोतरा, जोधपुर, बीकानेर होते हुए हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचती है।
डॉक्टर बोले- फिलहाल नवजात की हालत नाजुक
बाड़मेर जिला हॉस्पिटल के शिशु वार्ड के डॉ. हरीश चौहान ने बताया- सुबह जब आरपीएफ बच्चे को हॉस्पिटल लेकर आई तो यहां रेजिडेंट डॉक्टर श्याम सिंह भाटी थे। प्रारंभिक इलाज करके एनआईसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) वार्ड में बच्चे को शिफ्ट किया।
उन्होंने बताया- नवजात लड़का है। इसका जन्म 24 घंटे के अंदर ही हुआ है। वजन 2.2 किलो है। फिलहाल बच्चे की कंडीशन क्रिटिकल है। हम लोग प्रयास कर रहे हैं, लेकिन दो दिन के बाद ही हालात बता पाएंगे।