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पाली- पाली शहर में तमाम समस्याओं के बीच कुत्तों का आतंक भी बढ़ गया है। हिम्मत नगर में रहने वाले 12 वर्षीय विकास की इसी वजह से रविवार को मौत हो गई। दो दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ने पर बांगड़ अस्पताल से जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में रेफर किया था। यहां बांगड़ अस्पताल में बच्चे का इलाज करने वाले डॉ. आरके विश्नाई ने बताया कि कुत्ते के काटने के बाद वैक्सीन नहीं लगाई थी। इस मामले में दो तरफ से लापरवाही हुई।
करीब डेढ़ महीने कुत्ते ने काटा, लेकिन बच्चे को रैबीज का इंजेक्शन नहीं लगवाया। इस लापरवाही से रैबीज के साथ ही ऐरोफोबिया व हाइडोफोबिया के लक्षण आ गए। बच्चे के पिता राजूराम मिल में मजदूरी करते हैं। विकास के दो भाई व एक बहन और है। डीएलबी निदेशक के 22 मार्च को आदेश के बावजूद शहर में कुत्तों का वैक्सीनेशन नहीं किया गया। रविवार को बच्चे की मौत के बाद हिम्मत नगर क्षेत्र में वैक्सीनेशन किया गया।
डॉक्टरों के मुताबिक कुत्ता काटने पर 24 से 48 घंटे में रैबीज का इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। बांगड़ अस्पताल में रोजाना 15 केस आ रहे हैं। जिले में जनवरी से लेकर अब तक 3 हजार से अधिक केस आ चुके हैं।
कुत्तों के वैक्सीनेशन को लेकर अभियान चलाएंगे, अभी ज्वाइन किया है, सोमवार को बैठक कर रूपरेखा तैयार करेंगे। भागीरथराम, एसडीएम व कार्यवाहक आयुक्त नगर निगम