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पाली-भादवा बीज पर गुरुवार को पाली शहर में बाबा रामेदव के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। डीजे पर नाचते-गाते हाथ में बाबा की ध्वजा लेकर श्रद्धालु बाबा रामदेव के मंदिर की तरफ जाते नजर आए। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं की सेवा में सामाजिक संगठन के लोग जुटे नजर आए। जो शीतल पेय, फल-बिस्टिक, चाय, भोजन की मनुहार करते नजर आए। आलम यह था कि पाली से जोधपुर की तरफ जाने वाले मार्ग पर वाहनों की संख्या कम पैदल श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा नजर आ रही थी।
डीजे पर नाचते-गाते कई श्रद्धालुओं का रेला आया नजर
पाली के रेलवे स्टेशन से जोधपुर रोड की तरफ जाने वाले रास्ते पर डीजे पर नाचते-गाते हाथ में ध्वजा लहराते हुए श्रद्धालुओं के कई संगठन जोधपुर रोड छोटा रुणेचा धाम की ओर जाते नजर आए। आस्था का आलम यह था कि कई श्रद्धालु नंगे पैर नाचते-गाते हुए चल रहे थे। इस रोड पर हमें 10 से ज्यादा जत्थे हाथ में ध्वजा लिए बाबा के मंदिर जाते नजर आए।
मंदिरों में रही भीड़
जोधपुर रोड घुमटी के पास स्थित छोटा रुणेचा धाम में गुरुवार को श्रद्धलुओं की दर्शन के लिए कतार नजर आई। यहां मेले जैसे माहौल नजर आया। रामदेवरा जाने वाले जातरू भी यहां दर्शन के लिए रूके। जिनके लिए प्रसादी की व्यवस्था भी मंदिर प्रबंधन ने की। माही बीज को लेकर मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया।
बाबा रामदेव की प्रतिमा मनमोहक शृंगार किया गया। यहां से हम कुछ आगे रुणेचा धाम मंदिर पहुंचे। जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा नजर आया। दर्शन कर श्रद्धालु परिवार की खुशहाली की कामना करते नजर आए। मंदिर परिसर बाबा रामसा पीर के जयकारों से गूंजते नजर आया। कुछ इसी तरह शहर के अन्य बाबा रामदेव मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।
जगह-जगह मनुहार करते नजर आए सामाजिक संगठन माही बीज को लेकर पाली शहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जत्थे बाबा की ध्वजा लिए बाबा रामदेव के मंदिर जाते नजर आए। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए ठंडा पानी, चाय, बिस्टिक, फल, गर्म हलुआ आदि की मनुहार करते नजर आए। पूरे रास्ते श्रद्धालु बाबा रामदेव के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।
बाबा रामदेव मंदिर पर धूमधाम से चढ़ाई ध्वजा
पाली के बालिया स्कूल के पास समस्त खटीक समाज के बाबा रामदेव मंदिर पर गुरुवार को भादवा सुदी बीज पर धूमधाम से ध्वजा चढाई गई। इस दौरान मंदिर परिसर में दिन भर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बाबा की प्रस्तर प्रतिमा के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ रही। बाबा को प्रसाद का भोग लगाकर खुशहाली की कामना की। मंदिर में भामाशाहों के सहयोग से लापसी व चने की महाप्रसादी बनाई गई। जिसे हजारों भक्तों ने ग्रहण किया। मंदिर के गर्भ गृह में सुबह शंखनाद और ढोल नगाड़ों की गूंज के साथ भव्य मंगला आरती का आयोजन किया गया। एक घंटे तक चली मंगला आरती के दौरान भक्त लगातार बाबा के जयकारे लगाते रहें। इसके बाद मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठान किए गए। बाबा की प्रतिमा को विशेष तौर पर सजाया गया। साथ ही उनको पांच मेवों का भोग लगाया गया। इसके बाद महाप्रसादी शुरू हुई।
बाबा में मंदिर में ध्वजा की पूजा अर्चना के बाद बड़ी संख्या में भक्तों का जुलूस खटीक समाज भवन पहुंचा। वहां से सभी भक्त नाचते गाते और डीजे की धुन पर जयकारों के साथ शहर के प्रमुख स्थलों से होते हुए वापस मंदिर परिसर पहुंचे। यहां पर गगनभेदी बाबा के जयकारों के साथ मंदिर के शिखर पर ध्वजा चढ़ाई गई