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जयपुर-राजस्थान में भाजपा सरकार गहलोत राज की एक और योजना को बदलने की तैयारी कर रही है। शिक्षा विभाग ने बाल गोपाल दूध योजना को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- वर्तमान हालात में बाल गोपाल योजना का फायदा सभी स्कूली स्टूडेंट्स को नहीं मिल रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग स्कूल स्टूडेंट्स को दूध की जगह मोटा अनाज (मिलेट्स) देने पर विचार कर रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा- राजस्थान में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूली स्टूडेंट्स हैं, जो पाउडर का दूध नहीं पीना चाहते हैं। उन सभी स्थानों पर समय से गुणवत्ता युक्त गाय का दूध उपलब्ध कराना संभव नहीं है। क्योंकि इसकी गारंटी नहीं है कि हर जगह गुणवत्ता युक्त गाय का दूध उपलब्ध हो। इसलिए मौजूदा हालात में लिक्विड की जगह मिलेट्स देने पर भी विचार किया जा रहा है।
हम स्कूली स्टूडेंट्स को तंदुरुस्त करना चाहते
दिलावर ने कहा- प्रदेश की बीजेपी सरकार किसी भी सूरत में बच्चों को कुपोषित नहीं देखना चाहती है। यही वजह है कि हम पीने की जगह खाने की सामग्री पहुंचाकर स्कूली स्टूडेंट्स को तंदुरुस्त करना चाहते हैं। उन्हें पढ़ाई के साथ हर दिन सही और गुणवत्ता युक्त डाइट भी मिल सके। इसलिए जल्द ही इस योजना को लेकर भी अंतिम फैसला कर लिया जाएगा
69 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को दूध दिया जाता था
दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने साल 2022 में कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूली स्टूडेंट्स को स्कूलों में दूध देने के लिए बाल गोपाल योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत प्रदेश के 69 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को स्कूलों में मिड डे मील के तहत मिल्क पाउडर से बना दूध दिया जाता था। ताकि स्कूली स्टूडेंट्स को सही डाइट मिल सके।
राजस्थान में मौजूदा शैक्षणिक सत्र में काफी ऐसे स्कूल हैं, जहां सही वक्त पर दूध पाउडर की सप्लाई तक नहीं हो रही है। वहीं काफी ऐसे स्कूल भी थे, जहां स्टूडेंट्स ने दूध पाउडर का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद शिक्षा विभाग दूध की जगह अब मोटे अनाज (मिलेट्स) देने की तैयारी में जुटा है।
स्कूलों को लेकर ये भी निर्देश जारी हो चुके…
स्कूलों में मोबाइल के उपयोग पर पहले रोक लगाई, फिर हटाई स्कूलों में टीचर्स के साथ स्टूडेंट भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्टूडेंट केवल पढ़ाई के लिए ही फोन यूज करेंगे। वहीं टीचर को प्रिंसिपल या स्टाफ रूम में जाकर फोन यूज करना होगा। 6 मई 2024 को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्रदेश के सभी स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने का बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि टीचर्स स्कूलोंमें मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। 1 जुलाई को जब सत्र की शुरुआत हुई तो इसके आदेश जारी किए गए थे। इसके बाद से स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई संबंधित दूसरे काम प्रभावित होने लगी थी। ऐसे में बढ़ते विरोध को देखते हुए शिक्षा विभाग ने 14 अगस्त को इसको लेकर रिवाइज गाइडलाइन जारी की
स्कूल में चाकूबाजी के बाद बैग को चेक करने की गाइडलाइन उदयपुर के स्कूल में हुए हिंसक घटनाक्रम के बाद 17 अगस्त को शिक्षा विभाग ने स्कूलों में स्टूडेंट्स को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। इसके बाद अब स्टूडेंट्स स्कूल में धारदार हथियार, चाकू, कैंची, छुरी के साथ ही किसी तरह की नुकीली वस्तु लेकर नहीं जा सकते। इसको लेकर टीचर्स की ओर से भी लगातार स्टूडेंट्स को गाइड करने के साथ स्कूल बैग की चेकिंग करने के निर्देश दिए गए थे। अगर इसके बावजूद किसी स्टूडेंट की ओर से लापरवाही की जाती है तो स्कूल उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकेगा।