PALI SIROHI ONLINEखीमाराम मेवाड़ाभैया मेरे राखी के बंधन को निभाना रक्षाबंधन त्योहार पर बहनो ने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध उज्जवल भविष्य की की कामनाएंभाइयों ने बहनों को उपहार देखकर दिया आशीर्वादतखतगढ 18 अगस्त;(खीमाराम मेवाडा) सावन के पांचवें सोमवार को भाई-बहन के रिश्ते की रक्षा और अटूट विश्वास एवं समर्पण के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर सुमेरपुर उपखंड एवं तखतगढ़ नगर पालिका क्षेत्र के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर की मातृ शक्ति बहनों ने अपने-अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर भैया मेरे बंधन को निभाना है के उज्जवल भविष्य की कामनाएं की है। तो भाइयों ने भी बहनों को उपहार बैठकर आशीर्वाद दिया।– क्या है रक्षाबंधन का इतिहास, श्रवण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन देश भर में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। और भारतीय पौराणिक कथाओं में इस त्योहार के मनाने की कई धार्मिक कहानियाँ हैं। महाभारत के समय एक बार भगवान कृष्ण की अंगुली में चोट लग गई थी और उसमें से खून बहने लगा था। ये देखकर द्रौपदी जो कृष्ण जी की सखी भी थी उन्होंने आंचल का पल्लू फाड़कर उनकी कटी अंगुली में बांध दिया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन से रक्षासूत्र या राखी बांधने की परंपरा शुरू हुई।और चली आर ही है।