PALI SIROHI ONLINE
पाली-पाली में 60 साल के एक व्यक्ति को आखिरकार 17 साल बाद न्याय मिला और कोर्ट ने उसे रेप केस से बरी मिला। फैसला सुनते ही वृद्ध की आंखों से आंसू छलक गए। बोला कि उस पर झूठा रेप केस दर्ज होने से उसकी जिंदगी खराब हो गई थी। पत्नी-बच्चे छोड़ गए। 17 साल बैंगलोर में गुमनामी की जिंदगी गुजारनी पड़ी। शुक्र है कि आखिरकार अब न्याय मिला और सिर उठाकर वह समाज के कह सकेगा कि उसने किसी का रेप नहीं किया कोर्ट ने उसे बरी किया है
17 साल पहले दर्ज हुआ था मामला
दरअसल पाली के विशिष्ठ न्यायालय पॉक्सो नम्बर 3 के न्यायाधीश अनवर अहमद चौहान ने 17 साल पहले दर्ज हुए गैंग रेप केस मामले में 7 अगस्त 2024 को फैसला सुनाया। जिसमें शिवपुर भीलवाड़ा निवासी 60 वर्षीय आरोपी जाकिर हुसैन पुत्र नूर मोहम्मद को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त घोषित कर दिया।बता दें कि 17 साल पहले 9 जून 2006 कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी एक नाबालिग ने महिला पुलिस थाना में आरोपी जाकिर हुसैन व तीन अन्य के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमे से 3 आरोपियों को वर्ष 2008 में न्यायालय ने दोषमुक्त घोषित कर दिया लेकिन आरोपी जाकिर हुसैन पुलिस के डर से पाली छोड़कर चला गया। इस कारण 17 साल से पुलिस उसे ढूंढ ही रही थी।
नवम्बर 2023 में महिला पुलिस थाना पाली की टीम ने धरपकड़ अभियान में जाकिर हुसैन को भीलवाड़ा के शिवपुर गांव से उसे पकड़ा और पाली न्यायालय के समक्ष पेश किया। जहां से उसे जेल भेजा गया। 3 महीने तक आरोपी जेल में ही रहा। मामले में 7 अगस्त 2024 को पाली के विशिष्ठ न्यायालय पॉक्सो नम्बर 3 के न्यायाधीश अनवर अहमद चौहान ने फैसला सुनाया। जिसमें संदेह का लाभ देते आरोपी जाकिर हुसैन को दोष मुक्त करार दिया। आरोपी की ओर से अधिवक्ता अरिहन्त चौपड़ा, प्रवीण साहू व वीरेन्द्र सिंह ने पैरवी की।
बोलो- अब इज्जत की जिदंगी जी सकूंगा
फैसला आने पर 60 साल का जाकिर हुसैन रोने लगा बोला कि जो झूठा केस मुझ पर दर्ज हुआ। आखिरकार अब जाकर उसे न्याय मिला और अब अपनी बची हुई जिदंगी इज्जत के साथ जी सकेगा। उसने बताया कि केस दर्ज होने के बाद पत्नी भी छोड़कर चली गई थी। रिश्तेदारों ने भी मुंह मोड़ लिया था। शुक्र है कि अब न्याय मिला और जो इज्जत से जी सकूंगा।
भीलवाड़ा राशन कार्ड लेने आया तो पकड़ा गया जाकिर हुसैन ने बताया कि वह बैंगलोर में मजदूरी कर अपना पेट पाल रहा था। वहा एक्सीडेंट हो गया। लम्बा इलाज चला फिर डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए कहा। इसके लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज चाहिए थे। वह लेने वह अपने गांव शिवपुर आया था। इस दौरान पुलिस ने पकड़ लिया। उसने बताया कि वह पाली में पहले मजदूरी करता था। इस दौरान उस पर यह केस दर्ज किया गया।