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शिवगंज-हजारों लोगों की आस्था स्थली कांबेश्वर महादेव धाम की पहाड़ परिक्रमा रविवार को महंत शिवराम दास महाराज व संत त्रिवेणी महाराज के सान्निध्य में भक्तिमय वातावरण में हुई। परिक्रमा के रूट पर चलते हुए भक्त भजन कीर्तन कर रहे थे। कई भूरिया बाबा के जयकारे लगाते तो कई नाचते झूमते चल रहे थे। पहाड़ी की गोद में जंगल से निकलने के कारण इस बार भी महिलाओं व बच्चों ने परिक्रमा में भाग नहीं लिया। ढाई हजार से अधिक भोले के भक्तों ने परिक्रमा में शिरकत की
पहाड़ परिक्रमा का शुभारंभ सुबह 8 बजे कांबेश्वर महादेव मंदिर से हुआ। इसके पहले पद यात्रियों ने पूजा अर्चना की। 16 किमी परिक्रमा शाम 4 बजे पूरी हुई। पदयात्रा में सभी पुरुष ही थे, जबकि घना जंगल व पहाड़ी क्षेत्र होने से सुरक्षा की दृष्टि से इस बार भी महिलाओं व बच्चों को परिक्रमा में शामिल नहीं किया। घने जंगल के बीच होकर सर्प आकार के गुजर रहे रास्ते से सभी यात्री कांबेश्वर महादेव धाम से रवाना होकर घने जंगल में आए कांबेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। वहां से रवाना होकर आशापुरा माताजी मंदिर काना कोलर आए।
काना कोलर में दोपहर को भोजन प्रसादी वितरण की। परिक्रमा रूट पर पैदल चलते हुए कई श्रद्धालु भजनकीर्तन कर रहे थे तो कई भूरिया बाबा के जयकारे लगा रहे थे। पद यात्रियों की पहचान व गिनती के लिए उनके गले में दुपट्टा पहनाया था। परिक्रमा यात्रा समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ता भबूतमल माली, कांतिलाल माली, महेंद्र रावल, सनातन धर्म सेवा समिति के अध्यक्ष प्रकाश कुमावत, राजस्थान पेंशनर समाज के अध्यक्ष रघुनाथ राम मीणा, महेंद्र कुमार दवे, महेंद्र राठौड़, जितेंद्र कुमार माली व रमेश कुमावत उपस्थित रहे।
21 वीं थी यह पहाड़ की परिक्रमा कांबेश्वर पहाड़ की परिक्रमा का शुभारंभ वर्ष 2003 में किया गया था। पहली परिक्रमा में 16-17 श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। लेकिन इसके बाद लगातार हर वर्ष पद यात्रियों की संख्या बढ़ती गई। 21 वीं पहाड़ परिक्रमा में 2500 से अधिक भोले बाबा के भक्तों ने उत्साह से भाग लिया। काना कोलर में पहाड़ परिक्रमा कमेटी की ओर से कार्यक्रम रखा गया। आयोजकों ने भोजन प्रसादी व यात्रा रूट पर सेवा-सहयोग प्रदान करने वाले सभी भामाशाहों का पुष्प माला व दुपट्टा पहनाकर सम्मान भी किया।