PALI SIROHI ONLINE
पिंडवाड़ा हड़मत सिंह
अरावली की पहाड़ियों में बसे दुर्गम गांव बोकि भागली की चार बालिकाओं का केजीबीवी जावाल में चयन, सीएफएफ संस्था व स्थानीय विद्यालय के युवा शिक्षक की रही विशेष भूमिका
सिरोही। सिरोही का सबसे अंतिम छोर आदिवासी क्षेत्र वाला गांव – बोकी भागली पहाड़ियों के मध्य में बसा अति पिछड़ा गांव है, जिसमे देश आजादी के 75 साल बाद कुछ महीने पूर्व बिजली पहुंची है। इस गांव में शिक्षा का स्तर काफी गिरा हुआ है इस गांव में सेंटर फॉर माइक्रोफाइनेंस (सी एम एफ) जो की टाटा ट्रस्टस की सहयोगी संस्था है उनके कार्मिक एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय बोकी भागली के युवा शिक्षक के अथक प्रयासों से गरासिया समुदाय की चार बालिकाओं का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जावाल में प्रवेश कराने में सफलता हासिल की।
सीएमएफ संस्था में कार्यरत शिक्षा विभाग के सिरोही ब्लॉक एंकर नरेन्द्र जाट ने बताया की अभिभावकों को जागरूक करने का कार्य अप्रैल माह से प्रयास चल रहा था। इसके साथ ही केजीबीवी की इंचार्ज अनिता मीणा से नियमित संपर्क बनाए रखा, प्रवेश कराने को लेकर काफी चुनौतियां भी आई, जैसे अभिभावक बाहर पढ़ाने के लिए तैयार नहीं, लड़कियों के प्रवेश हेतु आवश्यक मूल दस्तावेज तैयार नहीं, घर का काम, बकरी चराना आदि कार्य कौन करें।
लेकिन इन सभी चुनौतियों का सामना और सहयोग स्थानीय विद्यालय के युवा शिक्षक लखपत कुमावत ने किया व कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के अनीता मीणा का मार्गदर्शन रहा। आखिकार हम सब के प्रयास से जिले के सुदूर गांव बोकी भागली की चार बालिका गीता कुमारी पुत्री हुसाराम, सीनू कुमारी पुत्री छगन लाल, कोमल कुमारी पुत्री कला राम, गीता पुत्री दुर्गा राम को कक्षा 6 में दाखिला मिल गया। अब बालिकाएं बहुत खुश है शिक्षक को भी काफी प्रेरणा मिली है।
इस कार्य से बोकी भागली में अन्य अध्ययनरत छात्र छात्राओं को आगे पढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।