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सवाईमाधोपुर। जिले के मलारना डूंगर उपखंड क्षेत्र में अवैध बजरी खनन व परिवहन का खुला खेल चल रहा है। देर रात एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई ने बनास नदी में औचक निरीक्षण कर करीब 150 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को खनन करते हुए पाया। मौके पर बड़ी तादाद में परिवहन होते देख एसडीएम ने पुलिस सहायता मांगी। लेकिन पुलिस के नहीं पहुंचने से अवैध बजरी खनन माफिया दल-बल के साथ बस में सवार होकर आए और जब्त ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भी छुड़ा ले गए।
एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई ने बताया कि वे सोमवार रात पौने दस बजे बनास नदी क्षेत्र में पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रक अवैध बजरी का परिवहन करते पाए गए। ये वाहन भूखा होते हुए भाड़ौती के रास्ते निकल रहे थे। अवैध परिवहन होते देख भूखा बनास नदी के मुहाने पर खड़े एसडीएम ने देर रात पुलिस से सहायता मांगी। साथ ही इस दौरान कुछ ट्रैक्टर-ट्राॅलियों को अपने कब्जे में कर पुलिस का इंतजार किया। लेकिन रात में करीब 11 बजे तक इंतजार के बाद पुलिस सहायता नहीं मिली।
इस दौरान माफिया एक बस में भरकर खनन क्षेत्र में पहुंचे और जब्त ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ा ले गए। पुलिस ने नाकाबन्दी भी नहीं करवाई। एसडीएम ने अवैध बजरी परिवहन रोकने में पुलिस के सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए एसपी से भी शिकायत की है। हालांकि पुलिस ने आरोपों को निराधार बताया।
पुलिस सहायता नहीं मिलने का आरोप निराधार: एसपी
सवाईमाधोपुर पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने कहा कि पुलिस सहायता नहीं मिलने का आरोप निराधार है। अवैध बजरी खनन के खिलाफ राजस्व विभाग को 25 आरएसी के जवानों का जाप्ता दिया हुआ है। फिर भी जरूरत पड़ती है तो हम राजस्व विभाग को सुरक्षा के लिए पुलिस जाप्ता उपलब्ध करवाते हैं। यदि एसडीएम साहब अलग से और पुलिस जाप्ता मांगते तो हम उन्हें उपलब्ध करवाते।
थानाधिकारी बोले-एसडीएम ने सूचना दी, लेकिन लोकेशन नहीं भेजी
मलारना डूंगर के थानाधिकारी राधारमण गुप्ता ने कहा कि एसडीएम ने सूचना दी थी, लेकिन लोकेशन नहीं भेजी। हम स्टेशन क्षेत्र में चले गए। वहां भी अवैध बजरी परिवहन की सूचना थी। एसडीएम बिना जाप्ता अकेले गए। यह समझ से परे है। पुलिस जाप्ते को साथ लेकर जा सकते थे।
एसडीएम बोले-सूचना देते तो हकीकत सामने नहीं आती
मलारना डूंगर के उपखण्ड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई ने बताया कि पुलिस को पूर्व में सूचना देते तो अवैध बजरी परिवहन की हकीकत सामने नहीं आती। एसएचओ सहित उच्च अधिकारियों को भी फोन किया। नाकाबन्दी के निर्देश दिए, लेकिन न तो पुलिस मौके पर आई न नाकाबन्दी करवाई। एसपी से शिकायत की है। पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखूंगा।