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पाली-नाबालिग को बहला फुसला कर शादी की नीयत से भगाकर ले जाने वाले आरोपी को पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या एक के जज सचिन गुप्ता ने दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 70500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक संदीप नेहरा ने बताया कि पाली के औद्योगिक नगर थाने में 1 मई 2023 को पीड़िता के पिता ने उत्तरप्रदेश के बैजनी (टांडा) निवासी 23 साल के संजय पुत्र सियाराम वाल्मीकि के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमें बताया कि उनकी नाबालिग बेटी पाली में अपनी नानी के पास रहता था। जहां पड़ोस के मकान में आरोपी संजय वाल्मीकि किराए पर रहता था और पीओपी का काम करता था। जिसने उसकी नाबालिग बेटी को दोस्ती के जाल में फंसाया और शादी करने का झांसा देकर भगाकर ले गया।
यूपी से पकड़ा गया था आरोपी
पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की। उसके यूपी के रामपुरा (दौराहा) रहने की खबर मिलने पर टीम मौके पर पहुंची। जहां आरोपी अपनी मामा के किराए के मकान में रह रहा था। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया और नाबालिग को संरक्षण में लेकर पाली पहुंची। जहां कोर्ट में नाबालिग ने अपने बयान में बताया कि आरोपी ने उसके साथ रामपुरा (दौराहा) में कई बार रेप किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा।
मामले में 22 जुलाई 2024 को पाली के पोक्सो कोर्ट संख्या एक के जज सचिन गुप्ता ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और गवाहों के बयान सुनने के बाद आरोपी उत्तरप्रदेश के बैजनी (टांडा) निवासी 23 साल के संजय पुत्र सियाराम वाल्मीकि को नाबालिग को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने और उससे कई बार रेप करने का दोषी माना और 20 साल के कठोर कारावास और 70500 रुपए के जुर्मान की सजा सुनाई।