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पाली। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन को स्तनपान के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 से 7 अगस्त के दौरान विश्व स्तनपान सप्ताह” विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य आमजन को विशेषरूप से माताओं को स्तनपान के बारे में जागरूक करना है ताकि उन्हें स्तनपान के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल सके तथा सभी मातायें अपने बच्चों को पर्याप्त स्तनपान करवायें। सप्ताह के दौरान स्तनपान के बारे में चार प्रमुख संदेशों का व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाता है, जिसमें जन्म के प्रथम घंटे के दौरान स्तनपान प्रारम्भ करवाना, छः माह तक तक सिर्फ स्तनपान करवाना, छः माह बाद स्तनपान के साथ साथ पूरक आहार को शामिल करना तथा बच्चे को कम से कम दो वर्ष तक स्तनपान जारी रखना है। इस बाबत लोगों में जागरूकता पैदा किया जाना अतिआवश्यक है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विकास मारवाल ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिले में स्तनपान के बारे में जनजागरण हेतु विभिन्न स्तरों पर कई प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं, इसी को लेकर स्तनपान सप्ताह के तृतीय दिवस पर शनिवार को ए.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र पर प्रशिक्षणाधीन प्रशिक्षणार्थियों के लिये पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । प्रतियोगिता में काफी संख्या में प्रशिक्षणार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया तथा चित्रों एवं पोस्टर के माध्यम से मों के दूध के महत्व के संदेश प्रदान किये। सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल ने बताया कि स्तनपान पोस्टर प्रतियोगिता में प्रशिक्षण केन्द्र की प्रशिक्षणार्थी कमशः लक्षिका एवं पलक राठौड़ को प्रथम पुरस्कार, जशोदा जलवानियां को द्वितीय पुरस्कार तथा कृतिका चौधरी एवं कृष्णा कंवर को तृतीय पुरस्कार हेतु चयनित किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता की सभी विजेताओं को विभाग द्वारा आगामी स्वाधीनता दिवस के अवसर पर प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगें तथा स्तनपान सप्ताह के दौरान जिन प्रशिक्षणार्थियों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लेकर सहभागिता निभाई है, उन्हें भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगें।
स्तनपान के महत्व पर दी जानकारी :-
पोस्टर प्रतियोगिता से पूर्व ए.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र प्रधानाचार्य के. सी. सैनी ने प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी देते हुये बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान ए.एन.एम. प्रशिक्षणार्थियों द्वारा कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि स्तनपान के बारे में आज भी कई माताओं के पर्याप्त जानकारी नहीं होने के कारण उनके द्वारा सही प्रकार से पर्याप्त स्तनपान नहीं करवाने के कारण शिशुओं में कुपोषण जैसी घातक समस्यायें हो जाती है, जिससे अक्सर बच्चे बीमार रहते हैं तथा उनमें मृत्यु का खतरा बहुत अधिक हो जाता है। नियमितरूप से प्रभावी स्तनपान करवाने से बच्चे एवं मॉ में भावनात्मक जुड़ाव पैदा होता है, बच्चे का प्रभावी विकास होता है, उनमें रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। सभी माताओं को इस हेतु जागरूक किया जाना अतिआवश्यक है। बोतल से दूध पिलाने की आदत को तुरन्त बन्द करने हेतु परिवार के सभी लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य के. सी. सैनी ने पोस्टर प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी प्रशिक्षणार्थियों तथा गतिविधि में सहयोग एवं मार्गदर्शन करने वाले सभी प्रशिक्षकों का आभार प्रकट किया। इस दौरान प्रशिक्षण केन्द्र के प्रशिक्षक मदन गोपाल वैष्णव, दिनेश कुमार, महेन्द्र कुमार, महेश कुमार तथा सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।