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उदयपुरवाटी-प्रदेश के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक लोहार्गल के सूर्यकुंड में सोमवार को भाद्रपद की सोमवती अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर पुण्य अर्जित किया। साथ ही मालखेत बाबा की 24 कोसी परिक्रमा का समापन भी हुआ।
अरावली की वादियों में गोगानवमी से शुरू हुई 24 कोसी परिक्रमा में लाखों श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी की पालकी के साथ पैदल चलकर विभिन्न धार्मिक स्थलों पर स्नान करते हुए 24 कोस की परिक्रमा पूरी की। शनिवार और रविवार को परिक्रमा से लौटे श्रद्धालुओं ने गोल्याणा से लोहार्गल तक सैकड़ों धर्मशालाओं और विश्राम स्थलों पर डेरा डाला। सोमवती अमावस्या की सुबह जैसे ही शुरू हुई, सूर्यकुंड पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
सोमवार सुबह तक एक लाख से अधिक लोग स्नान कर चुके थे। गोल्याणा से लोहार्गल तक श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गई थीं। खाक चौक से सूर्यकुंड तक रास्ते में भीड़ के कारण प्रशासन ने वन वे व्यवस्था लागू की थी। खाक चौक से सूर्यकुंड तक लगभग दो सौ मीटर के रास्ते में श्रद्धालुओं को एक घंटे से अधिक समय लग रहा था। स्नान के बाद महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग स्नान व्यवस्था की गई थी। पुलिस के जवान और महिला कांस्टेबल स्नान के बाद श्रद्धालुओं को ज्यादा समय तक टिकने की अनुमति नहीं दे रहे थे। कई महिलाओं ने स्नान के बाद कपड़े भी दूर जाकर बदले।
श्रद्धालुओं की गाड़ियों को गोल्याणा में ही रोक दिया गया, जिससे तीन किलोमीटर के रास्ते में भीड़ के कारण यात्रियों को काफी परेशानी हुई। पदयात्रियों ने रातभर भजनों और रंगारंग कार्यक्रमों का आनंद लिया। सोमवती अमावस्या के स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्यदेव, वेंकटेश बालाजी और अन्य मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन किए और मालखेत बाबा के दर्शन कर जयकारे लगाए। इस बार सोमवती अमावस्या होने के कारण परिक्रमा के पदयात्रियों के अलावा नजदीक और दूर-दराज से भी श्रद्धालुओं ने सूर्यकुंड में स्नान किया।
रातभर हुए रंगारंग कार्यक्रम
रविवार की रात गोल्याणा से लोहार्गल तक दो दर्जन से अधिक स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। शिवगौरा मंदिर, गणेश मंदिर, जाट धर्मशाला, सैनी धर्मशाला, विश्वकर्मा धर्मशाला, रामदेव मंदिर और बिड़ला धर्मशाला में भजन-कीर्तन और रंगारंग कार्यक्रम हुए
वेंकटेश पीठ पर संत समागम
लोहार्गल में सूर्यकुंड के नजदीक स्थित वेंकटेश पीठ पर महंत अश्विनीदास महाराज के सानिध्य में संत गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अमृत नाथ आश्रम फतेहपुर के विकास नाथ महाराज, महेश नाथ महाराज, रविनाथ महाराज, सुंदरनाथ महाराज और अन्य संतों ने सोमवती अमावस्या के स्नान के महत्व पर चर्चा की। अश्विनीदास महाराज ने संतों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
लोहार्गल में निशुल्क भंडारे
सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं की सेवा के लिए कई जगह निशुल्क भंडारे लगाए गए। रूपाणा धाम पर दो दिन तक भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें कमल डोलिया, राधेश्याम सैनी, राजेश कुमार और जुगल किशोर पाराशर की टीम ने सेवा की। गोल्याणा से लोहार्गल तक रामपुरा नदी, घूमचक्कर, बस स्टैंड, नवलगढ़ रोड, सीकर रोड सहित कई स्थानों पर दो सौ से अधिक भंडारे लगाए गए, जिनमें ताजा भोजन, चाय, नाश्ता और सिकंजी वितरित की गई
गोल्याणा से लोहार्गल तक लगा मेला
सोमवती अमावस्या पर गोल्याणा से लोहार्गल तक मेला लगा। मेले में पदयात्रियों, स्नान करने आए श्रद्धालुओं और स्कूली बच्चों ने भाग लिया। मेले में सैकड़ों दुकानें लगाई गईं, जिनमें अधिकांश में खिलौने और बच्चों के आइटम बिक्री के लिए प्रदर्शित किए गए।
94 साल से जल सेवा कर रहे शाह परिवार
उदयपुरवाटी का शाह परिवार पिछले 94 वर्षों से लोहार्गल मेले में जल सेवा कर रहा है। सेठ बालूराम शाह ने 1930 में यह परंपरा शुरू की, जिसे अब उनकी तीसरी पीढ़ी के सदस्य कैलाश डंडीदार, अशोक शाह और संतोष कुमार निभा रहे हैं। उन्होंने पानी पीने वालों को देशी घी के लड्डू भी खिलाए।
25 साल से कर रहे हैं मेडिकल सेवा
सरकारी सेवा से रिटायर्ड ताराचंद चौधरी पिछले 25 वर्षों से लोहार्गल मेले के दौरान तीन दिन तक अपने खर्चे पर मेडिकल कैंप लगाते हैं और श्रद्धालुओं की चिकित्सा करते हैं।
मेले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 450 पुलिसकर्मी तैनात
मालखेत बाबा की 24 कोसी परिक्रमा के समापन और सोमवती अमावस्या के स्नान के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस बार विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मेले में करीब 450 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। गोठड़ा थाना प्रभारी कमलेश चौधरी के अनुसार, मेले की सुरक्षा के लिए एएसपी, डीएसपी, पुलिस निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, हेड कॉन्स्टेबल, पुलिस कॉन्स्टेबल और महिला कॉन्स्टेबल की ड्यूटी लगाई गई है।