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उदयपुर-परिवार के सदस्यों को बीमारी से बचाने के लिए सौतेले बेटे के महिला तांत्रिक के कहने पर मां की निर्मम हत्या करने के मामले में पुलिस ने तीन और आरोपी पकड़े है। पुलिस इन इस मामले का खुलासा दो दिन पहले ही किया था और आज तीन और आरोपी गिरफ्तार किए है।
ऋषभदेव थानाधिकारी घनश्याम सिंह ने बताया इस मामले में अन्य आरोपी ऋषभदेव के उगमणा निवासी अनिल पुत्र सुखलाल मीणा, सेमारी के पास घोडासर फला निवासी रेखा पत्नी जीवा मीणा और ऋषभदेव के उगमणा निवासी फुलबा पत्नी कन्हैयालाल मीणा को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने इससे पहले इस मामले में 21 दिसम्बर को महिला तांत्रिक रोडकी पत्नी मानाराम अहारी, सौतेले बेटे कन्हैयालाल पिता सुखलाल अहारी और उसके साथी जीवा पिता भैरा अहारी को गिरफ्तार कर लिया था।
दो साल बाद हुआ मामले का खुलासा था
मामले का खुलासा करीब सवा दो साल बाद हुआ। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने महिला के शव को गड्ढा खोदकर बाहर निकाला तो सिर्फ हड्डियां मिलीं। यह घटना 8 सितंबर 2022 को हुई थी, अगले दिन 9 सितंबर को ऋषभदेव थाने में हत्या करने वाला सौतेला बेटा अपने पिता के साथ पहुंचा और रिपोर्ट दर्ज कराई। करीब सवा दो साल तक किसी को इसकी खबर नहीं लगी।
आरोपियों की निशानदेही पर 21 दिसम्बर को महिला के गढ़े हुए शव को बाहर निकाला गया तो शव के रूप में सिर्फ हड्डियां मिलीं।
8 साल पहले की थी शादी
आरोपी कन्हैयालाल पिता सुखलाल की पहली पत्नी का लड़का है। सुखलाल की पहली पत्नी की मृत्यु होने के कारण उसने 8 साल पहले संगीता देवी से नाता विवाह किया था। सुखलाल की पहली पत्नी के 3 लड़के और 2 लड़की हैं। वहीं, संगीता देवी की 3 लड़कियां हैं।
आरोपी कन्हैयालाल का लड़का अक्सर बीमार रहता था। उसकी व उसके भाई अनिल की पत्नी भी बीमार रहती थी। उनके इलाज के लिए वह ढाई साल पहले तांत्रिक रोड़की देवी के संपर्क में आया। तांत्रिक रोड़की ने कन्हैयालाल को बताया कि तुम्हारी दूसरी मां तंत्र विद्या करती है, इसी कारण तुम्हारा लड़का बीमार रहता है। वह तुम्हारा पूरा घर साफ कर देगी।
सौतेली मां को मार कर गाढ़ने की सलाह दी थी
जब कन्हैयालाल ने उपाय पूछा तो तांत्रिक ने उसकी सौतेली मां को मारकर गाढ़ने की सलाह दी। इसके बाद कन्हैयालाल मीणा, तांत्रिक रोड़की देवी सहित अन्य साथियों ने मिलकर महिला संगीता को मारने की योजना बनाई। इसके बाद बड़े ही शातिर तरीके से उसकी हत्या कर शव गाढ़ दिया। इसके बाद भी सौतेला बेटा पिता कन्हैयालाल के साथ रिपोर्ट देने पुलिस थाने पहुंचा और पिता को दिलासा देता रहा। जिससे किसी को उस पर शक नहीं हो सके।