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उदयपुर-उदयपुर के गोगुंदा में बीते तीन दिन में कुल 7 टीमों के 60 से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी रात-दिन आदमखोर लेपर्ड को तलाशने में जुटे हैं। वन विभाग की सिरोही, राजसमंद, जोधपुर, उदयपुर और स्थानीय गोगुंद की रेस्क्यू टीम शामिल है। इसके अलावा आर्मी की टीम और उदयपुर से वाइल्ड लाइफ की अलग एक टीम सर्च ऑपरेशन में लगी है। राजसमंद से 1 और जोधपुर से 2 शूटर लेपर्ड को ट्रॅक्यूलाइज करने के लिए फील्ड में तैनात हैं।
छाली ग्राम पंचायत को कंट्रोल रूम तब्दील कर दिया है। डीएफओ अजय चित्तौड़ा, गोगुंदा एसडीएम नरेश सोनी, सायरा तहसीलदार कैलाश इडानिया बैठकर पूरी मॉनिटरिंग कर रहे है। जंगल में लेपर्ड की लोकेशन मिलने पर कंट्रोल रूम में संदेश आता है और तुरंत रेस्क्यू टीम को उस लोकेशन पर भेजा जाता है। हालांकि अभी तक लेपर्ड कहीं नजर आ रहा। स्थानीय ग्रामीण भी वन विभाग की रेस्क्यू टीम का सहयोग कर रहे है।
2 ड्रोन कैमरे, 1 दूरबीन, 5 पिंजरे, 23 ट्रैप कैमरों से लेपर्ड की निगरानी
आदमखोर लपेर्ड को जंगल में ढूंढने के लिए वन विभाग कई तरह के संसाधनों का सहारा ले रहा है। इसके लिए 2 ड्रोन कैमरे से जंगल में लेपर्ड की लोकेशन ट्रेक करने की कोशिश हो रही है। रात में नाइट विजन दूरबीन से लेपर्ड को दूर तक जंगल में तलाशा जा रहा है। वहीं, जिन तीन गांव में लेपर्ड ने एक नाबालिग सहित तीन जनों को मारा था। उन तीनों घटना स्थल के आसपास 5 पिंजरे लगाए हैं। एक टीम इन पिंजरों में कुछ दूरी पर रहकर निगरानी कर रही है।
लेपर्ड ने दो पशुओं का किया शिकार लेपर्ड ने एक दिन पहले इस बार दो पशुओं का शिकार किया। छाली पंचायत के गांव उंडीथल में एक-एक गाय और बैल को मार डाला। गांव के महुरा मादरा भीलवाड़ा बस्ती में भंवरलाल की गाय का शिकार किया। वहीं पलेवा घटी में अमराराम के बैल को खेत में मारा डाला। लेपर्ड के लगातार शिकार से पूरे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीण घरों से बाहर नहीं निकल रहे।