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उदयपुर-नगर निगम के सुखाड़िया रंगमंच में रविवार को सार्वजनिक अभिनंदन सम्मान समारोह हुआ। जिसमें सिक्किम के राज्यपाल बनने के बाद पहली बार उदयपुर आए ओम माथुर का सम्मान किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए
राज्यपाल माथुर बोले- 26 जुलाई को सुबह सुबह प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी जी का मेरे पास फोन आया। मुझे पूछा- क्या कर रहे हो। मैं बोला- बस वॉक करके बैठा ही हूं। वे बोले- मैं तुमको कुछ काम देना चाह रहा हूं। मैं बोला- आज तक क्या दिया। काम ही तो दिया आपने।
वो (पीएम) हंसने लग गए कि ऐसा कैसे। मैं फिर बोला- हां, आपने कोई ईनाम दिया हो तो मुझे बताओ। पीएम बोले- मैं आपको एक काम राजस्थान छोड़ के देना चाहता हूं। मैंने कहा, पिछले 25 सालों से राजस्थान छोड़कर ही तो काम कर रहा हूं। इस पर सब हंसकर तालियां बजाने लगे। माथुर आगे बोले- हमारी पुरानी दोस्ती है, जो कहना है कह देता हूं। राज्यपाल माथुर ने कहा कि उन्होंने शुरू से एक कार्यकर्ता के रूप में काम किया। जो भी काम मिला। उसे जिम्मेदारी से निभाया।
कार्यक्रम में ये थे मौजूद थे
सम्मान समारोह में कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, सहकारिता मंत्री गौतम दक, वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा, उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, निम्बाहेडा विधायक श्रीचंद कृपलानी, महापौर गोविंद टांक, जिला प्रमुख ममता कुंवर, शहर विधायक ताराचंद जैन और पूर्व विधायक धर्मनारायण जोशी आदि मौजूद थे।
नवलखा महल पवित्र स्थल, जहां सरस्वती ने समय गुजाराः माथुर
सम्मान समारोह से पहले राज्यपाल माथुर ने गुलाबबाग स्थित नवलखा महल का विजिट किया। उन्होंने यहां कहा कि यह वह पवित्र स्थल है जहां महर्षि दयानंद सरस्वती ने साढ़े छह माह रहकर अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश को लिखा इस दौरान श्रीमद दयानंद सत्यार्थ प्रकाश के अध्यक्ष अशोक आर्य ने नवलखा महल के माध्यम से किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।