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उदयपुर-सात बंदरों का शिकार कर उनकी बेरहमी से हत्या के मामले में उदयपुर की सायरा थाना पुलिस ने आदिवासी कथोड़ी समाज के 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कुंभलगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्र के कड़ेच ग्राम पंचायत के रीछवाड़ा गांव में यह कार्रवाई की। आरोपियों ने बंदरों को न केवल मारा। बल्कि लोहे के हाशिए से उनके शवों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
पुलिस ने मृतक बंदरों के मांस से भरी पोटलियां बरामद की है। सूचना मिलने पर हायला रेंज के फॉरेस्टर तुलसीराम मेघवाल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तब आरोपियों ने अधिकारियों को ही घेरकर हमला करने की कोशिश की, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद जैसे-तैसे वन अधिकारियों ने अपना बचाव किया। इसके बाद बोखाड़ा रेंज से क्षेत्रीय वन अधिकारी जयंतीलाल गरासिया, फॉरेस्टर नारायण सिंह राणावत, वनरक्षक वीरेंद्र सिंह शेखावत, अशोक गरासिया, ओमप्रकाश व नीरज मौके पर पहुंचे। तलाशी के दौरान आरोपियों के कब्जे से बंदरों का मांस, शिकार में प्रयोग हथियार और चार बाइक भी बरामद की है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर बोखाड़ा वन विभाग कार्यालय लाया गया। पूछताछ में उन्होंने बंदरों का शिकार करना कबूल कर लिया।
बंदरों को लोहे के तार में फंसाते, फिर मार देते वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर आगे जांच शुरू कर दी है। वन विभाग के अनुसार सभी आरोपी ओगणा थाना क्षेत्र के समीजा गांव के निवासी हैं। इन्होंने बंदरों को लोहे के तार में फंसा कर शिकार किया था और फिर धारदार हाशिए से उनके शवों के टुकड़े कर मांस पोटलियों में भर लिया। फिलहाल वन विभाग ने पूरे क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
जंगल में रहता था कथोड़ी समाज
जानकारी अनुसार आदिवासी कथोडी समाज जंगलों में रहकर वन्यजीवों के शिकार से जीवनयापन करता था, लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा उन्हें विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। बावजूद इसके वे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे है।। जो जैव विविधता के लिए भी बड़ा खतरा बन चुकी हैं।


