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उदयपुर-सलूंबर के सराड़ी इलाके में वन विभाग ने लेपर्ड को पिंजरे में कैद किया है। यहां पिछले 40 दिन से लेपर्ड के मूवमेंट के चलते लोगों ने खेतों पर जाना छोड़ दिया था। कभी रात को अचानक राह चलते सामने आ धमकता तो कभी खेत में बैठा नजर आ जाता था। इसके बाद स्थानीय विधायक से गुहार लगाई की तो इलाके में पिंजरों की संख्या बढ़ाई गई थी।
हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि स्पष्ट नहीं है कि यह वही लेपर्ड है, जिससे कई बार उनका सामना हो चुका है। बुधवार शाम खेत की ओर जा रहे ग्रामीणों ने लेपर्ड की गुर्राहट सुनी। पास जाकर देखा तो पिंजरे में लेपर्ड कैद था। इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई।
ग्रामीणों ने सुनी लेपर्ड की गुर्राहट
वन विभाग के लोकेंद्र सिंह चौहान और गौतम सालवी ने बताया कि 2 दिन से ढोल काकर और पानी कोटड़ा क्षेत्र के आसपास लेपर्ड के मूवमेंट होने का संदेह था। यहां माना बावजी मंदिर के पास पिंजरा लगाया गया था। बुधवार शाम ग्रामीण अपने खेतों की तरफ जा रहे थे। इस दौरान पिंजरे की ओर से लेपर्ड के गुर्राने की आवाजें आ रही थी। पास गए तो पिंजरे में लेपर्ड कैद था। सूचना मिली तो पहुंचे और लेपर्ड को रेस्क्यू किया। जैसे ही ग्रामीणों को लेपर्ड के पिंजरे में आने की सूचना मिली तो भीड़ इकठ्ठा हो गई। ग्रामीण अपना फोन ले आए और लेपर्ड की तस्वीर अपने कैमरे में कैद करने लगे।

