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उदयपुर-उदयपुर से करीब 45 किलोमीटर दूर गोगुंदा इलाके में लेपर्ड ने एक और शिकार किया है। बस्ती से 5 साल की बच्ची को लेपर्ड उठा ले गया। जंगल में बच्ची की कटी हुई हथेली मिली। उससे कुछ दूर आगे उसका शव पड़ा था। गांव वाले कुछ कर पाते, इससे पहले ही झाड़ियों के बीच से लेपर्ड आया और शव उठा ले गया।
रात 2 बजे तक गांव वाले शव की तलाश में जंगल की खाक छानते रहे, पर सफलता नहीं मिली। पिछले 10 दिन में इस इलाके से 4 लोगों का लेपर्ड शिकार कर चुका है।
नाले पर हाथ-पैर धोते समय उठा ले गया
बुधवार शाम करीब सात बजे मजावद ग्राम पंचायत के कुडाऊ गांव की भील बस्ती में घटना हुई है। सूरज नाले के पास हाथ-पांव धो रही सूरज पुत्री गमेर लाल गमेती पर लेपर्ड ने हमला कर दिया। आस-पास खड़े बच्चों के चिल्लाने पर गांव वाले आए। वहां से सुरज को खोजने निकले।
ग्रामीणों के शोर मचाने पर भी शव नहीं छोड़ा
सूरज को ढूंढते हुए चार से पांच गांव वाले जंगल के पास पहाड़ी इलाके में पहुंचे। घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर बच्ची की कटी हथेली मिली। उससे थोड़ा आगे बढ़ने पर बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिला। बच्ची के चेहरे और बाएं हाथ को लेपर्ड खा गया था। गांव वाले अभी आपस में बात ही कर रहे थे कि झाड़ियों के बीच से लेपर्ड आया और बच्ची का शव खींच ले गया। ग्रामीणों ने शोर मचाया, फिर भी उसने शव नहीं छोड़ा।
वनकर्मियों को सूचना दी गई
रात में ही गोगुंदा मुख्यालय पर सूचना मिली तो थानाधिकारी शैतान सिंह मौके पर पहुंचे। बाद में वन विभाग की टीम भी पहुंच गई। टीम के साथ बड़ी संख्या में गांव वाले लाठी लेकर जंगल की ओर पहाड़ियों पर बढ़े। मजावद के सहकारी समिति के उपाध्यक्ष रमेश सुथार ने बताया कि रात करीब दो बजे तक शव की तलाश की, लेकिन नहीं मिला। पंचायत समिति सदस्य दिलीप गमेती ने बताया कि अभी सुबह तक शव नहीं मिला है। सुथार ने बताया कि वन विभाग ने रात को हुई घटना के बाद घटनास्थल कुडाऊ गांव की भील बस्ती के पास रात करीब 11 बजे पिंजरा लगा दिया था।
आक्रोशित लोगों ने बंद किया गोगुंदा-झाड़ोल रोड
लेपर्ड के लगातार हमलों से आक्रोशित ग्रामीणों ने सुबह करीब साढ़े सात बजे गोगुंदा-झाड़ोल रोड बंद कर दिया। भारतीय आदिवासी पार्टी के उदयलाल कटारा के साथ लोगों ने मजावद के पास पेड़ की टहनियों को रोड पर रखकर जाम लगा दिया। ग्रामीण लेपर्ड को पकड़ने और आबादी में पिंजरे लगाने की मांग कर रहे हैं।
अब तक चार लोगों का शिकार किया गोगुंदा थाना क्षेत्र के छाली ग्राम पंचायत के उंडीथल, भेवड़िया और उमरिया में लेपर्ड तीन लोगों की जान पहले ही ले चुका है। 25 सितंबर की रात को यह चौथी घटना हो गई।
एक दिन पहले बाघदड़ा में लेपर्ड का मूवमेंट दिखा तो टीमें एक्टिव की थी
छाली पंचायत क्षेत्र के बाघदड़ा में 24 सितंबर की रात एक और लेपर्ड का मूवमेंट रहा था। इसकी पुष्टि उसके पैरों के निशान से हुई थी। यह जगह उमरिया से डेढ़ किमी दूर है। यहीं से दो लेपर्ड पकड़े गए थे। इससे साफ है कि दो तीन पहले तक महज डेढ़ किमी दायरे में 3 लेपर्ड का मूवमेंट था। नए लेपर्ड का पता चलते ही गोगुंदा, देवला और मावली रेंज के 15 कर्मचारियों की टीम को एक्टिव कर दिया था। बावजूद इसके लेपर्ड बच्ची का शिकार कर ले गया।
सेना ने किया था सर्च ऑपरेशन
पिछले दिनों इलाके में लेपर्ड के बढ़ते हमलों को देखते हुए चार जिलों की वन विभाग की रेस्क्यू टीमों और सेना की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। उमरिया के समीप लगाए गए तीन पिंजरों में से दो पिंजरों में 23 सितंबर की रात एक से दो बजे के बीच दो लेपर्ड कैद हुए थे। इन्हें मंगलवार सुबह उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क ले गए थे। अभी भी वन विभाग की 4 टीमें छाली ग्राम पंचायत क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं। तीन जगहों पर पिंजरे लगाए हुए हैं।