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उदयपुर-उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी की कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा का इस्तीफा स्वीकार हो गया है। राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागडे ने गुरुवार को इस्तीफा स्वीकार किया। लंबे समय से विवादों में रहीं प्रो. सुनीता मिश्रा विवादों के बाद से ही छुट्टियों पर थीं। उनके खिलाफ छात्रों ने कई प्रदर्शन भी किए थे। मिश्रा के बयान को लेकर राजस्थान में भर में विरोध हुआ था। कई मंत्रियों ने भी इस पर विरोध जताया था।
राजभवन से जारी पत्र में लिखा गया कि कुलगुरु के खिलाफ मिली शिकायतों पर संभागीय आयुक्त (उदयपुर) की कमेटी जांच कर रही है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई होगी।
दरअसल, कुलगुरु सुनीता मिश्रा करीब 2 महीने पहले उस समय विवादों में आईं थीं, जब यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में उन्होंने औरंगजेब को कुशल प्रशासक और अकबर को महान बताया। इस बयान के बाद छात्रों और शिक्षकों के बीच तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। 2 महीने के लगातार दबाव के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया, जिसे राजभवन ने स्वीकार कर उन्हें पदमुक्त कर दिया।
छात्र नेताओं ने चैंबर में बंद कर दिया था
उदयपुर में मिश्रा को सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं ने उन्हीं के चैंबर में कैद कर दिया था। वे छह घंटे चैंबर में फंसी रहीं थी।
प्रो. सुनीता मिश्रा ने कहा था- साजिश हो रही
विवाद के बाद सामने आई सुनीता मिश्रा ने कहा था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मेरे खिलाफ हो रही साजिश पर, कुछ नहीं चाहती हूं। हालांकि कुछ टेम्परेरी और परमानेंट लोग हैं, जो ऐसा कर रहे हैं। बच्चे ऐसा नहीं कर सकते। बयान कुछ हिस्से को दिखाया जा रहा।


