PALI SIROHI ONLINEउदयपुर-10 साल में चौथी बार फतहसागर झील छलकी है। ऐसे में यह नजारा देखने पर्यटक और स्थानीय निवासी पहुंचे। झील के किनारे बनी पाल की सड़क पर 3 किमी लंबा जाम लग गया।शनिवार को इस झील के 4 गेट 6 इंच खोले गए थे। इसके बाद उदयपुर विकास प्राधिकरण ने यहां सौंदर्गीकरण के लिए सजावट की तो भीड़ उमड़ पड़ी। रविवार को यहां भारी भीड़ नजर आई। झील की भराव क्षमता 13 फीट है।उदयपुर विकास प्राधिकरण के कमिश्नर राहुल जैन ने बताया- शनिवार को ओवरफ्लो होने के बाद झील के 4 गेट 6 इंच खोले गए थे। सोमवार को इन गेटों को 3-3 इंच खोला गया है। आगे जितने समय तक पानी की आवक रहेगी, तब तक गेट खुले रहेंगे। इसके बाद भी कुछ दिन तक लाइटिंग की व्यवस्था रहेगी।रात के समय यहां लोगों की भीड़ लग जाती है, जिससे उत्सव की तरह माहौल होता है। सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। काले किवाड़ से जाम शुरू हुआ जो पाल के पहले होकर नीचे यूडीए सर्किल तक रहा। यह करीब 3 किलोमीटर तक रहा।उदयपुर के लिए खास है फतह सागर फतहसागर झील थूर मंगरा की पहाड़ी, मोती मगरी और नीमच माता मंदिर की पहाड़ियों से घिरी है। झील के बीच में टूरिस्ट के लिए स्पीड बोटिंग की व्यवस्था है। झील पर ही नेहरू पार्क है, जहां नाव के जरिए सैलानी पहुंचते हैं। इससे सटी पिछोला झील भी है, जिसका स्वरूप सागर के गेट वाला भाग दिखता है।फतहसागर के पास मोतीमगरी, फिश एक्वेरियम, नीमच माता मंदिर, नीमच माता रोप-वे, राजीव गांधी गार्डन और मुंबइया बाजार है। सुबह-सुबह यहां शहरवासी मॉर्निंग वॉक के लिए भी आते हैं। फतहसागर पाल की शुरुआत देवाली छोर से फतहसागर के ओवरफ्लो तक होती है। झील का क्षेत्रफल करीब 4 किमी है।फतहसागर में यहां से आता है पानी• फतहसागर झील में मुख्य रूप से पानी छोटा और बड़ा मदार तालाब पर चादर चलने के बाद मदार नहर से होकर यहां आता है।• इसके साथ ही, बड़ी तालाब पर रपट चलने के बाद उसका पानी भी ऊपली बड़ी, हवाला कलां होते हुए फतहसागर झील में पहुंचता है।• पिछोला झील भरने के बाद जब काले किवाड़ के गेट खोले जाते हैं। पिछोला का पानी भी फतहसागर में आता है।