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उदयपुर-उदयपुर के गोगुंदा में शनिवार बीती रात एक और लेपर्ड पिंजरे में कैद हो गया। अब तक गोगुंदा में यह चौथा लेपर्ड पिंजरे में पकड़ा गया है। इस बार छाली ग्राम पंचायत के बाघदड़ा गांव में लगे पिंजरे में लेपर्ड आया है। जहां करीब एक सप्ताह पहले लेपर्ड ने खेत में बैल का शिकार किया था। सबसे पहले सुबह 6 बजे सरपंच गणेशलाल सहित 4-5 ग्रामीण पिंजरे के पास मौके पर पहुंचे। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी।
विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। फिलहाल लेपर्ड को वहां से बायोलॉजिकल पार्क लाने की तैयारी चल रही है। बता दें, इससे पहले 23 सितंबर की रात छाली ग्राम पंचायत के उमरिया गांव में दो अलग पिंजरों में दो लेपर्ड कैद हुए थे। वहीं, एक दिन पहले मजावद ग्राम पंचायत के कुडाउ गांव की भील बसती में पिंजरे में एक लेपर्ड पकड़ा गया था।
सरपंच बोले-रात 12 बजे पिंजरे के पास दो लेपर्ड झगड़ते दिखे
सरपंच गणेशलाल ने बताया कि जहां पिंजरा लगा था, उस जगह से उनका घर करीब 400 मीटर दूरी पर है। रात करीब 12 बजे उन्हें लेपर्ड की आवाज सुनाई दी। दूर पिंजरे में अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन रात के समय पिंजरे के पास दो लेपर्ड के आपस में लड़ने की आवाजें आ रही थी। सुबह 6 बजे जाकर देखा तो एक लेपर्ड पिंजरे में कैद थां
रात 2 बजे तक शव लेकर धरने पर बैठे रहे ग्रामीण शनिवार शाम को गोगुंदा के गुर्जरों का गुड़ा में मवेशियों के लिए चारा लेने गई गटू बाई (55) पत्नी मोतीलाल गुर्जर को लेपर्ड ने मारा डाला था। देर रात तक वन विभाग द्वारा गांव में पिंजरा नहीं लगाने और बड़े अधिकारियों के मौके पर नहीं पहुंचने से ग्रामीण नाराज हो गए। गुस्साए परिजन के साथ सैकड़ों ग्रामीण मजाम रोड पर शव को लेकर धरने पर बैठ गए। रात 2 बजे तक धरना चलता रहा। गोगुंदा थाना पुलिस जाब्ता और तहसीलदार कैलाश इनाणिया मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों से काफी समझाइश की। तब जाकर मामला शांत हुआ।