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उदयपुर-कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा आज उदयपुर पहुंचे। मंत्री ने शहर से करीब 17 किलोमीटर दूर उमरड़ा क्षेत्र में खाद बनाने वाली एक फैक्ट्री पर छापा मारा। इस फैक्ट्री में आर्गेनिक खाद बनाया जाता है, जिसमें बड़े स्तर पर मिलावट होना सामने आया था।
मंत्री ने यहां अपने हाथ में खाद का सैंपल लेकर कहा कि इसमें मिलावट है। इसके बाद आस-पास की फैक्ट्रियों में भी जांच की। बता दें कि कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा लगातार अलग-अलग जिलों में खाद्य और नकली बीज को लेकर फैक्ट्रियों में निरीक्षण कर रहे है।
सब्सिडी सस्पेंड होने पर भी नहीं सुधरे
मंत्री ने कहा- आर्गेनिक खाद में मिलावट की जानकारी मिली थी। ये लोग आर्गेनिक खाद में मिलावट कर बेचते है। मई महीने में अलग-अलग सैंपल लिए गए थे जो मानकों पर खरे नहीं उतरे। 8 सैंपल इनके फेल हुए है। पहले भी शिकायत मिली थी। केंद्र की टीम भी आकर यहां गई थी। 6 महीने की सब्सिडी इनकी सस्पेंड कर दी थी, फिर भी ऐसे लोग सुधर नहीं रहे है।
सभी फर्मों को देखेंगे और सभी को कहेंगे कि अपनी क्वालिटी सुधारें। किसानों को बर्बाद मत करो। इनकी 328 रुपए की सब्सिडी भारत सरकार देती है। ये सब्सिडी खा जाते है और घटिया माल बनाकर किसान को लूट रहे है। यहां जितनी भी नकली और घटिया माल बनाने वाली कंपनियों के सैंपल लेकर टेस्ट करवाएंगे।
खाद में घटिया क्वालिटी का रॉक फास्फेट मिला रहे थे
मंत्री ने कहा- सरकार इन फैक्ट्री वालों को प्रमोट कर 50 किलो के बैग पर एसएसपी पर 388 रुपए की सब्सिडी दे रही है लेकिन इन बैग में मिलावट मिली। हमें शिकायत मिली कि इसमें रॉक फास्फेट घटिया गुणवत्ता का उपयोग कर रहे थे। शिकायत सही मिली है।
मंत्री ने बताया कि इनका 12 मई 2025 को एक सैंपल लिया गया था। जिसमें 14.5 प्रतिशत मिलना चाहिए था लेकिन यह 8.5 प्रतिशत ही मिला। 14 मई 2025 को 14.5 प्रतिशत की जगह 6.36 प्रतिशत मिला। 30 अप्रेल 2025 को 14.5 प्रतिशत मिलना चाहिए था लेकिन 7.2 प्रतिशत ही मिला। ये घटिया है, जो किसान के काम का नहीं है
हम इनको प्रमोट करना चाहते है लेकिन अमानक नहीं चलेगा
मंत्री ने बताया- यहां अब तक 11 लिए गए सभी सैंपल अमानक पाए गए है। मतलब काम का खाद किसान को नहीं दिया जा रहा है। एसएसपी तैयार करने वालों के खिलाफ हमारी कोई दुर्भावना नहीं है, हम इनको मजबूत और प्रमोट करना चाहते है। ये 80 प्रतिशत अहम होता है।
किशनगढ़ जैसा खेल न हो
यहां भी किसानों के साथ किशनगढ़ जैसे खेल न हो। वहां पर काला रंग कर दिया डीएपी हो गया, व्हाइट रंग कर दिया मतलब एसएसपी हो गया और ब्राउन कर दिया वो एमएपी हो गया। उस दृष्टि से सभी फैक्ट्रियों को हम देख रहे है।