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राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार को चाकूबाजी की घटना का असर शनिवार को दूसरे दिन भी बाजार में देखने को मिला। सुबह से ही बाजारों में भीड़भाड़ कम दिखी। कुछ लोगों ने अपनी दुकानें खोली, लेकिन ग्राहक नहीं दिखे। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात हैं। वहीं, प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी के किराए के घर को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया है।
शहर में कानून व्यवस्था प्रभावित
इस मामले में उदयपुर रेंज के आईजी अजय पाल लांबा ने बताया कि घटना के बाद शहर में कानून व्यवस्था प्रभावित हुई। घायल बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। विशेष डॉक्टरों की टीम इलाज में लगी हुई है। शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदेशवासियों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों के साथ साजिश रचने और घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
कलक्टर ने की जनता से ये अपील
जिलाधिकारी अरविंद पोसवाल ने कहा कि हमारा प्राथमिक उद्देश्य घायल बच्चों को समुचित उपचार उपलब्ध कराना है। स्थानीय डॉक्टर से परामर्श के बाद मुख्यमंत्री से बात कर तीन विशेष डॉक्टरों की टीम बुलाई गई है। इसमें किडनी विशेषज्ञ और अन्य डॉक्टर शामिल हैं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर बच्चे की मौत की अफवाह फैला दी। जिलाधिकारी ने सभी से अनुरोध किया कि अफवाह न फैलाएं। ऐसी अफवाहों से शहर की शांति भंग हो सकती है।
घायल छात्र का खून बहुत बह गया था
घायल छात्र का अस्पताल के आईसीयू वार्ड में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों की टीम ने हेल्थ बुलेटिन जारी कर कहा है कि फिलहाल घायल छात्र की हालत स्थिर बनी हुई है। उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर ने जानकारी दी कि घायल बच्चे की स्थिति गंभीर है, क्योंकि उसकी अंतड़ियां कट गई थीं और खून बहुत अधिक बह गया था। रिकवरी में कितना समय लगेगा। यह कहना अभी कठिन है। खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं।