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टोंक के लतीफगंज स्थित राउप्रा विद्यालय में ऐसा खुलासा हुआ है जिसने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एक शिक्षिका पिंकी मीणा 8 साल तक स्कूल नहीं गई लेकिन विभाग ने हर महीने वेतन भेजना नहीं छोड़ा। अब मामला सामने आया तो शिक्षिका के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2006 से 2014 तक स्कूल से अनुपस्थित रहने के बावजूद संबंधित शिक्षिका को 20 लाख 76 हजार 520 रुपए का वेतन भुगतान किया गया। विभाग ने एक्शन लेते हुए अब वेतन की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारी और स्कूल प्रशासन को लंबे समय तक शिक्षिका के अनुपस्थित रहने की जानकारी थी
मामला वर्ष 2014 में ही सामने आया गया था
कोतवाली थाना प्रभारी भंवरलाल मीणा ने बताया कि यह मामला वर्ष 2014 में ही सामने आया गया था। ऐसे में रिपोर्ट उस समय ही दर्ज होकर रिकवरी होनी चाहिए थी। कई तथ्य अभी सामने आने बाकी है। थाने में दी गई रिपोर्ट के मुताबिक वेतन बनाने वाले से लेकर वेतन जारी करने तक के अधिकारी-कर्मचारियों से भी पूछताछ होगी। इस शिक्षका को वर्ष 2014 में सेवा मुक्त किया जा चुका है लेकिन तब भी रिकवरी नहीं की गई।
उठ रहे सवाल
हर माह उपस्थिति के आधार पर ही वेतन बनता है। ऐसे में स्कूल प्रधानाध्यापक, उच्च अधिकारी और वेतन बनाने वाले कार्मिकों की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं
