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खीमाराम मेवाडा
बुधवार को तखतगढ़ में मनाई जाएगी राधाष्टमी
तखतगढ 10 सितम्बर;(खीमाराम मेवाड) बुधवार को तखतगढ़ में मनाई जाएगी राधाष्टमी* तखतगढ़ के वृंदावन वासी श्रीमद् भागवत कथा प्रवक्ता जयतीर्थ दास जी ने जानकारी देते हुए बताया-राधा कृष्ण ऐछे सदा एक ही स्वरूप,लीला रस आस्वादिते धरे दुईरूप!* श्री चैतन्य चरितामृत में कृष्ण दास कविराज गोस्वामी बताते हैं कि श्री राधा कृष्ण का सदा एक ही स्वरुप है, वह लीला रस का आस्वादन करने के लिए दो रूप धारण करते हैं. श्री राधा पूर्ण शक्ति है, श्री कृष्ण पूर्ण शक्ति के स्वामी है, यह शास्त्रों का प्रमाण है, यह दोनों भिन्न नहीं है, जैसे अग्नि और ऊष्मा, वैसे राधा कृष्ण है.जैसे सूर्य और सूर्य का प्रकाश अलग नहीं हो सकता, कस्तूरी और उसकी सुगंध अलग नहीं हो सकती,वैसे ही राधा कृष्ण अलग नहीं हो सकते.
*राधा कृष्ण एक आत्मा, दुई देह धरी.अन्ययोन्य विलसे रस आश्वादन करि.*
राधा कृष्ण दो होकर भी एक हैं. प्रेम रस का आस्वादन करने के लिए एक से दो हो जाते हैं. केवल भक्त ही इस रहस्य को जानता है, भौतिकतावादियों के लिए राधा कृष्ण दोनों गुत्थी बने हुए हैं.
स्वरूप दामोदर गोस्वामी कहते हैं कि दोनों महापुरुषों को समझने के लिए आध्यात्मिक अंतर दृष्टि चाहिए. प्रभुपाद कहते हैं कि एक ही भगवान दो रूप में प्रकट हुए हैं एक स्त्री भगवान, एक पुरुष भगवान. राधा रानी कृष्ण की अंतरंग शक्ति हैं,वे निरंतर कृष्ण के आनंद को बढ़ाती रहती है, श्री कृष्ण के विलास की सर्वोच्च स्वामिनी है.
वह कृष्ण तक जीव की सेवाओं को पहुंचाने का माध्यम है, इसलिए वृंदावन के भक्त श्रीमती राधा रानी की कृपा चाहते हैं जिससे वह कृष्ण के प्रिय सेवक बन सके.
वृंदावन में प्रेममयी लीलाओं में रासनृत्य में राधा रानी कृष्ण को रस का आस्वादन कराने के लिए, लीलाओं में सहायता करने के लिए श्रीमती राधा रानी अनेक रूपों में प्रकट होती है.
*महाभाव स्वरूप श्री राधा ठाकुरानी. सर्वगुणखानी कृष्णकांत शिरोमणि.* अर्थात श्रीमती राधा रानी ठकुरानी है, महाभाव की मूर्तिमान स्वरूप है, वे समस्त सद्गुणों की खान है और कृष्ण की प्रियतमाओं में शिरोमणि है.
श्रीमती राधा रानी का मन, इंद्रिया तथा शरीर कृष्ण प्रेम में रंगे हुए हैं.वे कृष्ण की निजी शक्ति हैं और वह उनकी लीला में सहायता करती हैं .
श्रीमती राधा रानी दिव्य चेतना की साक्षात मूर्ति है.भगवत प्रेम की सर्वोच्च प्रकाश है, श्री कृष्ण की चरमप्रिया पात्र है. कृष्ण का नाम मदन मोहन है मगर वह मदन मोहन को भी मोहित करती हैं, इसलिए वह मदन मोहन मोहिनी कहलाती है.
*कृष्ण वांछा पूर्ति रूप,करें आराधने. अतएव राधिका नाम पुराणे वाखाने*
राधा नाम आराधना शब्द से निकला है जिसका अर्थ है पूजा, जो कृष्ण की पूजा में सर्वोपरि है, वह राधिका अर्थात सबसे बड़ी सेविका है. संपूर्ण ब्रह्मांड की माता, सबकी रक्षा करने वाली, सभी के लिए पूज्य, परम आराध्य राधा रानी हम सब जीवों पर कृपा करने के लिए आज ही के दिन 5251 वर्ष पूर्व इस धरा धरती पर प्रकट हुई. वृंदावन वासी श्रीमद् भागवत कथा प्रवक्ता जयतीर्थ दास जी ने बताया कि आज हम सभी तखतगढ़ चकी गली में श्री राधा माधव माधुरीय धाम में श्री राधा अष्टमी पर श्री राधा रानी का का विशेष जन्मोत्सव मनाने जा रहे हैं, जिसमें राधा कृष्ण का विशेष महा अभिषेक, कथा, कीर्तन, 56 भोग तथा स