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खीमाराम मेवाडा
तखतगढ़-जोवनियों जातो रियों ने आई रे बुढ़ापा री रात रे…….एक शाम गजानन जी के नाम विशाल भजन संध्या में उमडा जनसैलाबराम लक्ष्मण सीता और हनुमान सहित महाकाली और चामुंडा देवी की झांकियां ने श्रोताओं को किया मोहिततखतगढ 7 सितम्बर;(खीमाराम मेवाड) शनिवार से शुरु हुए गणपति महोत्सव के एक दिन पूर्व शुक्रवार रात्रि को कस्बे के पादरली चौक स्थित श्री वीर हनुमान मंदिर प्रांगण में गजानंद जी के बोलीदाता एवं वार्ड नंबर 22 के पार्षद राजेश कुमार पुत्र जेठाराम कुमावत एवं समस्त वार्ड वासियों के तत्वावधान एवं ठाकुर जी मंदिर सेवा समिति सहित समस्त सनातन धर्म प्रेमियों नगर वासियों के सानिध्य में आयोजित हुई एक शाम गजानन जी के नाम विशाल भजन संध्या के मंच पर रंग बिरंगी पंचरंगी रोशनी के बीच दिल्ली एवं राजस्थान के सुप्रसिद्ध कलाकारों एवं नृत्य कलाकारों मैं अपनी मधुर आवाज में भजनों की प्रस्तुतियांके साथ-साथ विभिन्न देवी देवताओं की झांकियों कि प्रस्तुतियो ने हजारों की तादात में श्रोताओं को भौर तक मनमोहित कर रखा था।
दरमियान कंवला मठ के मठाधीश श्री श्री 1008 श्री हरि पूरी जी महाराज के पहुंचे महाराज ने गजानंद जी के दर्शन करने के बाद बोली दाता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा सॉल्व माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया। भजन संध्या के मंच पर सर्वप्रथम राजस्थान के जाने-माने कलाकार जगदीश वैष्णव मेवाड़ और मनीष परिहार एण्ड पार्टी द्वारा रिद्धि-सिद्धि के दाता गणपति एवं विभिन्न देवी देवताओं की जय घोष के साथ गणपति वंदना प्रस्तुति देते हुए “जोवनियों जातो रियों ने आई रे बुढ़ापा री रात रे”……. जैसी मनुष्य जीवन गाता के साथ-साथ विष्णु के अवतार भगवान श्री राम जी एवं बाबा रामदेव जी, श्री चामुंडा माता, कृष्णा भगवान सहित एक से बढ़कर एक शानदार भजनों की प्रस्तुतिया देकर राजस्थान की संस्कृति को भक्तिमय कर रखा था।तो वही दूसरी तरफ नृत्य कलाकार राहुल राजस्थानी एंड पार्टी के कलाकारों ने भी राम लक्ष्मण सीता और हनुमान के राम दरबार एवं कृष्णा सुदामा और महाकाली और चामुंडा सहित भिन्न भिन्न प्रकार की मनुष्य जीवन के आधारित झांकीयो प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भौर तक मंत्रमुग्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शनिवार सुबह 9:00 बजे पूणा श्री गजानन जी की पूजा पाठ के बाद बोली दाता एवं समस्त वार्ड वासियों एवं नगर वासियों द्वारा भगवान श्री गजानन जी को जानते की गली होते हुए गाजे बाजे कै साथ पुन: ठाकुर जी मंदिर विराजमान किया गया।