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खीमाराम मेवाडा
विधा मंदिर में शैक्षणिक गतिविधियों के अतिरिक्त शारीरिक, मानसिक, नैतिक व आध्यात्मिक तथा कौशल निर्माण जैसे प्रत्येक क्षेत्र में बालक का सर्वांगीण विकास किया जाता है, गेहलोत
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तखतगढ 22 सितम्बर;(खीमाराम मेवाड) आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक, सुमेरपुर में मातृ शक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती, ओम व भारत माता के समक्ष संघचालक वैद्य कन्हैयालाल शर्मा, डॉ. भाविशा वर्षिकर, प्रबंध समिति अध्यक्ष मीठालाल रांका व व्यवस्थापक सोहनलाल नागर द्वारा की गई। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि, पूर्व छात्रा तथा वर्तमान में दन्त चिकित्सक डॉ. जान्हवी गेहलोत ने बताया कि विद्या मंदिर से मिले संस्कार व ज्ञान द्वारा ही आज में इस मुकाम तक पहुँची हूँ। विद्या मंदिर में शैक्षणिक गतिविधियों के अतिरिक्त शारीरिक, मानसिक, नैतिक व आध्यात्मिक तथा कौशल निर्माण जैसे प्रत्येक क्षेत्र में बालक का सर्वांगीण विकास किया जाता है। मुख्य अतिथि भाविशा वर्षिकर ने बताया कि बालक की प्रथम गुरू माँ होती है। बालक के स्वास्थ्य की दृष्टि से पौष्टिक भोजन उसके सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उसकी अच्छी बुरी आदतों का निर्माण माँ ही करती है। बालक अपने जीवन के प्रारंभिक काल में माँ से ही सीखता है। बहिन जिनल सुथार ने “सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो” जैसी ओजस्वी कविता की प्रस्तुति दी। आचार्या विमला ने काव्य गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता कन्हैयालाल शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि वर्तमान समय में माँ को बालक की परवरिश पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योकि बाहरी परिवेश में इतनी विसंगतियाँ व बुराईयाँ मौजूद है कि अगर हमने बालको में नैतिक चरित्र, पारिवारिक मूल्यों, हमारे धर्म व शास्त्रों तथा महापुरूषों के बारे में नही बताया तो बालक व समाज पाश्चात्य संस्कृति व विधर्मियों के प्रभाव में आकर दूषित व पथभ्रष्ट हो जायेगा। उन्होने कहा कि हमारी माताओं को महाराणा प्रताप, शिवाजी, स्वामी विवेकानन्द जैसे आदर्श बालकों का निर्माण करना है। उन्होने मोबाईल व पाश्चात्य फास्टफूड के दुष्प्रभाव, बडो का मान-सम्मान व पर्यावरण संरक्षण के बारे मे भी जानकारी दी। प्रधानाचार्य श्रवण कुमार त्रिवेदी ने मातृ भाषा पर जोर देते हुए कहा कि हमे सपने जिस भाषा मे आते है वही हमारे प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति का आधार होती है। आधुनिक अंग्रेजी भाषा रटन विद्या पर जोर देती है। वर्तमान मे उच्च पदो पर आसीन सभी अधिकारी, नेता व खिलाडियों की प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा मे ही हुई है। अतः हमें हमारी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए। मंच संचालन वीरेन्द्र यादव द्वारा किया गया। इस अवसर पर 300 से अधिक माता व बहिने उपस्थित रही। समिति सदस्या प्रेम कंवर राणावत ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्राथमिक प्रधानाचार्य कुलदीप दत्ता, माध्यमिक सहप्रधानाचार्या वीनू सोलंकी, प्रबंध समिति उपाध्यक्ष जितेश बांठियां, सदस्या अंजना चौधरी एवं विद्या मन्दिर के प्राथमिक भाग व माध्यमिक भाग के समस्त आचार्य व आचार्याओं का सहयोग रहा।
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