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खीमाराम मेवाड़ा
ग्रामीण क्षेत्रो में पनपे नीम हकीमो के जाल मे जनता की जान से खिलवाड़ का खामियाजा भुगते परिजन
चिकित्सा विभाग और पुलिस विभाग की नजर अंदाज से आज तक गांवों में काफी गलत इलाज से मरीजो ने गवाई जान
तखतगढ 25 अगस्त;(खीमाराम मेवाडा) सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र के अधीन तखतगढ़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह झौलाछाप नीम हकीमो की मनमर्जी के कारण गोरख धंधा मे गरीब और अनपढ़ लोग उनके जाल में इलाज के दौरान फंसते जा रहे हैं। जिसकी वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है। जिसका आज तक उसका खामियाजा उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों की मौत के तत्पश्चात ऐसे नीम हकीम झौलाछाप भूमिगत हो जाते हैं। ऐसे अनजान लोगों को गांवों में मकान किराया पर देने से पहले उनकी किसी प्रकार की तस्दीक नही करायी जाने से बीते दिनों में अपराध को अंजाम देकर ग्रामीण क्षैत्र में अनपढ़ भोली भाली जनता तो इलाज सस्ते दाम पर करने का प्रलोभन देकर उनके बीच घूलमील जाते हैं।
स्थानीय भाषा भी समझने लगने के कारण उनको उस क्षैत्र में शरण मिल जाती है। उनसे कोई भी प्रशिक्षण की डिग्री पर सवाल भी नही करते हैं। पुलिस थाना क्षैत्र के ग्रमीण क्षैत्रो में बीट प्रभारी हो अथवा चिकित्सा विभाग के ग्रामीण क्षैत्रो में स्वास्थ्य उप केन्द्रों पर कार्यरत नर्स भी उनकी शिकायत प्रशासन को नही करते हैं। वैसे आंगनवाडी में कार्यरत आशा सहयोगिनी भी हर घर तक समय समय पर पोलियो अथवा सर्वे के दौरान गांव में भ्रमण करने पर ऐसे अनजान लोगों द्वारा इलाज करते हैं। वह जानकारी प्रशासन से छुपा लेते हैं। इस पर पुलिस का न अंकुश है। और नही चिकित्सा विभाग का अंकूश है। हाल ही शुक्रवार 23 अगस्त को पालि जिले के मारवाड़ जंक्शन तहसील क्षैत्र के जोजावर कस्बे में देवासी समाज के छात्र जो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्यनरत था।
जिसको बुखार आने पर झौलाछाप नीम हकीम के पास परिजन इलाज कराने लेकर गये वहां इन्जेक्शन के बाद परिजन बीच रास्ते में उनकी मौत हुई। जिस पर दादी को सदमा लगा और दादी की भी मौत हो गयी। देवासी समाज के समाजसेवी और प्रबुद्धजनो और जनप्रतिनिधियों ने आक्रोश करके शाम तक उस दिन विरोध भी प्रकट किया। शनिवार को दादी पौता के शवों को एक साथ दाह संस्कार कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। जिसका अब तक चिकित्सा विभाग ने सबक नहीं लिया। झौलाछाप नीम हकीम भूमिगत है। परिजनो को प्रशासन और राजस्थान सरकार से कार्यवाही तक का आश्वासन तक को तरसना पड़ता है। धीरे धीरे परिजन भूल जाते हैं। तथा झौलाछाप नये क्षैत्र में अपना जाल बिछाकर पुनः उनका जुगाड चालू कर देता है। सूत्रों के अनुसार बताया गया कि सुमेरपुर क्षैत्र के दुजाना गांव में पिछले दो तीन साल से एक किराया के भवन में हर महिने की 10 और 25 तारीख को नीम हकीम पहुंच कर घुटनों के दर्द का इलाज करता है। जहां पर काफी तादाद में वाहनों का काफीला और मरिजो की लम्बी कतार लगने से इलाज के नाम पर मनमर्जी के आर्थिक बोझ की मरिज फीक्र किये बगैर सुबह से शाम तक कतार लगाकर इन्तजार करके इलाज कराते हैं। जिसको लेकर चिकित्सा विभाग को स्थानीय लोगों एवं मीडिया कर्मी द्वारा फोन से अवगत भी कराया तब आश्वासन कार्यवाही का भी दिया। परन्तु कोई अंकूश तक नही लगा है। आखिर ऐसा प्रशासन और राजस्थान सरकार कब तक अनदेखा करती रहेगी तथा आमजन उसका खामियाजा भुगतती रहेगी एक सवाल कब तक पहेली बना रहेगा।
— क्या कहते हैं चिकित्सा अधिकारी , जिन-जिन गांवों में झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकान खोल कर बैठे हैं उनके खिलाफ जल्द ही विभाग की टीम गठित कर ठोस कार्रवाई करवाएंगे जहा जहा ग्रामीण क्षेत्र में भोलीभाली जनता के साथ में खिलवाड़ कर रहे है उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
— मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डाँ.विकास मारवाल पाली