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खीमाराम मेवाड़ा/पिन्टु अग्रवाल
सुमेरपुर के एक निजी चिकित्सालय पर बलवना निवासी रमेश कुमार पुत्र नाथूराम जाति सरगरा निवासी बलवन की जो पेट दर्द की शिकायत के बाद जहां निजी अस्पताल में भर्ती हुआ था निजी अस्पताल के डॉक्टर ने पथरी वी पित्त की थैली में कैंसर होने की बात कर ऑपरेशन की बात कही परिजनों ने निजी चिकित्सालय में ऑपरेशन करवाया उसके बाद भी मरीज की तबीयत ठीक नहीं होने पर परिजन पुनः इसी निजी चिकित्सालय में मरीज को ले गए पुनः चिकित्सालय में मरीज की स्वास्थ्य जांच के बाद पाया कि मरीज के शरीर में कैंसर फैल चुका है अब उसका कोई इलाज नहीं है चिकित्सालय से मरीज को छुट्टी देकर घर भेज दिया परिजन पुनः उसको पाली के बांगड़ चिकित्सालय ले गए जहां चिकित्सक ने उपचार के दौरान बताया कि उनकी एक किडनी गायब है यह सुनकर मरीज बेहोश हो गया वह होश में आने के बाद परिजन घर ला रहे थे कि रास्ते में उसकी मौत हो गई मौत के बाद परिजन व समाज बंधुओ ने आज सुमेरपुर में प्रदर्शन कर निजी चिकित्सालय पर इलाज के दौरान किडनी निकालने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कर दिया सुमेरपुर पुलिस सुमेरपुर उपखंड अधिकारी तहसीलदार सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने किडनी का मामला होने के चलते मृतक का पाली मैं मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने का निर्णय लिया जिससे कि स्थिति साफ हो पाएगी वास्तव में किडनी गायब है या नहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के दोनों किडनी मौजूद होने की जानकारी मिल रही है सूत्रों के अनुसार चिकित्सालय में जब रिपोर्ट निकलवाई गई तो मरीज के शरीर में संभाव्यता एक किडनी दब गई थी जिसे शायद रिपोर्ट में नहीं आई गई पुलिस ने परिजनों को पूरी तरह संतुष्ट शव परिजनों को सुपूर्द कर दिया है परिजन पाली से शव लेकर रवाना हो गए हैं।
सुबह यह हुआ था घटना क्रम
पाली जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के बलवना निवासी रमेश कुमार पुत्र नाथूराम जाति सरगरा निवासी बलवना के जवाई ने सुमेरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया की मेरे ससुर का ऑपरेशन सुमेरपुर के एक निजी शंकुश हॉस्पिटल में हुआ था उसके बाद तबीयत में सुधार नहीं होने पर हम मरीज को पाली इलाज करवाने ले गए जहां चिकित्सक द्वारा मरीज की एक किडनी नहीं होने की बात बताई उसके बाद मरीज की मौत हो गई मौत के बाद शव मोर्चरी में भिजवाया वहीं परिजनों ने निजी चिकित्सालय पर किडनी निकालने का संदेह जताया पुलिस शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के लिए शव को पाली भेजा जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा वहीं परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की सच्चाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आएगी।
मुकेश कुमार पुत्र कानाराम जाति-सरगरा, निवासी सुमेरपुर जिसने सुमेरपुर थाने में रिपोर्ट दी कि ससुर रमेश पुत्र नाबुराम सरगरा निवासी बलवना विनांक 03.07.2024 को अचानक पेट में दर्द होने से मैं और मेरी सासु
दिनांक 03.07.2024 को शंकुस अस्पताल सुमेरपुर लेकर आये। जहां डॉक्टर द्वारा मेरे ससुर की जांच करके बताया कि आपके ससुरजी को पथरी तथा पित भी थैली में केसर है। तथा ईलाज करने के लिये इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ेगा। जिस पर हमने दिनांक 03.07.2024 को शंकुस हॉस्पीटल में भर्ती करवाया जहां डाक्टर ने इनका ईलाज प्रारम्भ किया तथा शंकुस हॉस्पीटल में हम दिनांक 03.07.2024 में 05.07.2024 तक रहे तथा मेरे ससुर का ईलाज करवाया तथा दिनांक 05.07.2024 को डॉक्टर ने कुछ दवाईया लिख कर दी और कहा कि दर्द धीरे-धीरे कम हो जायेगा आप अपने घर जा सकते है। तब हम दिनांक 05.07.2024 को अस्पताल से डिम्बार्ज होकर अपने घर आ गये तथा डॉक्टर द्वारा दी गई दवाईया मेरे ससुरजी को दी और उनका घर पर ही ध्यान रखने लगे। दवाईया देते हुये 3-4 दिन का समय बीत गया। फिर भी दर्द में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आई। दिनांक 08.07.2024 को मेरे ससुर के पेट में तेज दर्द होने से मैं और मेरी सासु माँ उन्हे लेकर शंकुम अस्पताल सुमेरपुर आये। जिस पर डॉक्टर ने तकरीबन 01.00 बजे अस्पताल में मेरे ससुरजी को भर्ती किया। • ईलाज प्रारम्भ किया दूसरे दिन डॉक्टर द्वारा हमें कहा कि रमेशजी के पेट में रोग फैल गया है। इस कारण पित्त की थैली में से जो केन्सर है उन्हें निकालना पड़ेगा इसलिये इनमैच ऑपरेशन करना होगा तथा पथरी भी निकालनी होगी। जिस पर मैंने और मेरी सासु माँ ने डाक्टर को ऑपरेशन करने को कहा था दिनांक 09.07.2024 को डॉक्टर एम. एस. दास ने मेरे ससुर का ऑपरेशन किया तथा अस्पताल में ईलाज के लिये रखा।
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दिनांक 08.07.2024 से दिनांक 15.07.2024 तक हम अस्पताल में ही रहे तथा उनका ईलाज करवाया फिर दिनांक 15.07.2024 को डॉक्टर दास शंकुन अस्पताल आये और कहा कि केन्सर रमेशजी के पुरे शरीर में फैल गया है। इन्हें घर लेकर जाओ और इनकी सेवा करो तब हमने कहा कि इनकी तबीयत में तो कोई सुधार नहीं हो रहा है। अगर यहां इनका इलाज नहीं बैठ रहा है तो हम इन्हें किसी और अस्पताल में लेकर जाते है तब डॉ. दास ने कहा इससे अच्छा ईलाज कही हो ही नहीं सकता इन्हें कही और लेकर किसी
की कोई आवश्यकता नहीं है। तब हम इन्हें घर लेकर आ गये। लेकिन पेट की पीडा में किसी तरह का कोई सुधार नहीं होने पर हम इन्हें दिनांक 19.07.2024 को गीतांजली अस्पताल, उदयपुर लेकर गये। जहां डॉक्टर ने मेरे ससुरजी को इन्जेक्शन दिया तथा कुछ दवाईया लिख कर दी और कहा इन्जेक्शन से दई ठीक हो जायेगा।
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आप इन्हें घर ले जा सकते है। तब हम उदयपुर में सुमेरपुर लेकर आये। लेकिन स्वास्थय में किसी भी तरह का कोई सुधार नहीं होने पर दिनांक 02.08.2024 को मेरे ससुर का स्वास्थय व इनके पेट में ज्यादा दर्द होने से बागड़ चिकित्सालय पाली लेकर गये। जहां डॉक्टर द्वारा पेट की जांचकर रिपोर्ट निकालने पर डॉक्टर ने कहा की लेफ्ट किडनी इनके शरीर मे नही है तब हमे पता चला कि शंकुम अस्पताल में हमारे साथ इतनी बड़ी घटना घटित हुई है। अपने शरीर में किडनी नही होने का सुनकर ससुर बेहोश हो गए। जब हम इन्हें सुमेरपुर लेकर आ रहे थे तब रास्ते मे मौत हो गई।
मृतक के रिश्तेदार ने शंकुश अस्पताल सुमेरपर के प्रबन्धक व डॉक्टर एस एस दास के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाया।