
PALI SIROHI ONLINE
खीमाराम मेवाडा
शिवगंज/सुमेरपुर-तहसील क्षेत्र के चोटिला के पास सुकड़ी नदी किनारे स्थित गौतम ऋषि महादेव मंदिर परिसर में मीणा समाज (सिरोही पाली जालोर) के 14 अप्रैल को भरने वाले गौतम ऋषि मेले की विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा एवं तैयारियों के लिए कलक्टर एवं मजिस्ट्रेट अल्पा चौधरी के निर्देशानुसार 4 अप्रैल को शिवगंज पंचायत समिति के सभागार एवं 8 अप्रैल को गौतम ऋषि महादेव मंदिर चोटीला में बैठकें रखी हैं। इसमें सभी सरकारी विभागों के अधिकारी व मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रताराम मीणा उर्फ रतन लाल मीणा आमलिया समेत सभी सदस्य भाग लेंगे।
एडीएम डॉ. दिनेश राय सापेला की ओर से 2 अप्रैल को बैठक को लेकर जारी किए पत्र में बताया कि शिवगंज तहसील के ग्राम चोटिला के पास स्थित मीणा समाज के गौतम ऋषि महादेव का तीन दिवसीय मेला 13 से 15 अप्रैल 2025 तक भरेगा। मेले की व्यवस्था के लिए संबंधित विभागों एवं मेला कमेटी की बैठक 4 अप्रैल सायं 4 बजे पंचायत समिति शिवगंज के सभागार एवं 8 अप्रैल प्रातः 11 बजे गौतम ऋषि महादेव मंदिर परिसर चोटिला में रखी। मेले की विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी। बैठक में एसपी, निजी सहायक जिला कलक्टर, उपवन संरक्षक, सीईओ, एडीएम, एसडीएम शिवगंज, पशुपालन विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व सहायक निदेशक पर्यटन विभाग आबूपर्वत व अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों सहित अध्यक्ष श्री गौतम ऋषि महादेव मेला कमेटी उपस्थित रहेंगे। मेले में रहती हैं पुलिस की नो एंट्री
संभवतः राजस्थान का यह पहला ऐसा मेला है, जहां करीब तीन लाख लोगों की भीड़ जुटने पर भी पुलिस की एंट्री नहीं रहती है। भीड़ का प्रबंधन सिर्फ समाज के हाथों में रहता है। जहां मेले की सीमा खत्म होती वहां पुलिस की चौकी जरूर लगती है, लेकिन वर्दीधारी पुलिस को मेले में जाने की मनाही है। समाज के पुलिसकर्मी, अधिकारी जरूर सिविल ड्रेस में हते हैं और सेवाएं भी देते हैं। समाज की कंट्रोल रूम जैसी व्यवस्था भी रहती है। कई वर्षों से भर रहे मेले में मीणा समाज के लोग परिवार सहित 2 दिन तक रुकते हैं और अपने आराध्य देव गौतम ऋषि महादेव के दर्शन कर उन्हें चूरमे का भोग लगाते है
गौतम ऋषि मेले में हर वर्ष कड़ा अनुशासन रहता है। मेले में शराब पीने, फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करने, हथियार रखने, ओरण भूमि से हरे पेड़ काटने, महिला-पुरुष अपने मुंह पर कपड़ा बांधकर घूमने पर प्रतिबंध रहता है। समाज के लोगों की परगनावार एताइयां हैं, जहां परिवार के साथ लोग रुकते हैं। यहां वे अपने सगे संबंधियों से मिलते हैं और बेटा-बेटी के रिश्ते भी तय करते हैं। महिलाएं अपने आराध्य देव गौतम बाबा के मंगल गीत गाती हैं। यह परंपरा मेले की स्थापना से चली आ रही हैं।
सुकड़ी नदी में भरता है मेलाः चोटिला के पास से गुजर रही सुकड़ी नदी में यह मेला भरता है। इसका दायरा बढ़ कर करीब तीन किमी तक हो गया है। सुकड़ी नदी के किनारे पर ही गौतम ऋषि महादेव मंदिर व गंगा मैया का मंदिर आए हैं। मंदिरों के पास ही नदी में गंगा कुंड है, इसमें इस बार 14 अप्रैल सुबह 4.55 बजे गंगा मैया अवतरित होगी और मीणा समाज के लोग इस कुंड में गंगा मैया की पूजा अर्चना कर अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित करेंगे। समाज के लोगों का आगमन 13 को होगा एवं 14 को मेला भरेगा और 15 अप्रैल को मेले का विसर्जन होगा।


