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गोगरा तालाब मे मछली पालन का विरोध,ग्रामीण बोले गांव में धार्मिक स्थल के पास नहीं होने देंगे मछली पालन ठेकेदार को रोक पंचायत से ठेका निरस्त करने की उठाई मांग , पुलिस ने की समझाइस सरपंच बोले यह ठेकेदार की जिम्मेदारी विरोध के बाद काम नहीं करेगा तो ठेका निरस्त माना जाएगा
तखतगढ 6 जनवरी;(खीमाराम मेवाडा) तखतगढ़ थाना क्षेत्र के सुमेरपुर उपखंड की ग्राम पंचायत गोगरा गांव के तालाब स्थित धार्मिक स्थल होने के उपरांत भी तालाब में पंचायत ने मछली पालन के लिए ठेका जारी कर दिया। और रविवार शाम को ठेकेदार संसाधन लेकर तालाब पहुंचा जिसकी ग्रामीणों को भनक लगते ही ग्रामीण एकत्रित होकर विरोध किया और ठेकेदार को रोक कर सरपंच, वीडीओ को ठेका निरस्त करने की मांग करते हुए कई तरह के आरोप भी लगाए। इधर ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले को शांत किया। ग्रामीणों का ने बताया कि तालाब मंदिर के निकट है। मछली पालन वाले किसी भी सूरत में नहीं करने देंगे। ऐसे में ग्रामीणों का विरोध देखते हुए ठेकेदार भी काम शुरू नहीं कर सक। ठेका निरस्त हो गया या ठेकेदार तालाब में मछली पालन कर सकेगा इसको लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन पंचायत के इस काम से ग्रामीण खासे नाखुश नजर आए है। ग्रामीणों का आरोप है कि वीडीओर और सरपंच फोन भी रिसीव नही कर रहे।
— क्या बोले सरपंच, गोगराज सरपंच भंवरलाल मेघवाल ने बताया कि बीसलपुर के आसपास निवासी कोई ठेकेदार आया था। जिन्होंने ठेका प्रणाली से कई गांवो के तालाबों में मछली पालन का कार्य करने का आदेश दिखाकर गोगरा तालाब में भी मछली पालन के लिए आवेदन किया था। जिस पर हमने ठेकेदार को पहले से ही कहां रखा था कि तालाब पर धार्मिक स्थल होने से यदि ग्राम वासी विरोध कर सकते हैं। तो हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी। तब ठेकेदार ने कहां आप ठेका जारी कर दो बाकी ग्राम वासियों से मैं मिल लूंगा। और करने देंगे तो ठीक है। नहीं तो ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है। जिस पर हमने ठेका जारी किया था। उसके बाद रविवार को मे बाहर था और ठेकेदार शाम को अपने संसाधन लेकर गोगरा तालाब पहुंचा। जिसकी बनके लगते ही ग्रामीण एकत्रित होकर विरोध किया तो जिसकी जानकारी मुझे ठेकेदार द्वारा दूरभाष पर दी की ग्राम वासी तालाब में मछली पालन का विरोध कर रहे हैं। तो मैं तो पहले ही आपको कहा था की धार्मिक स्थल होने के कारण ग्रामीण विरोध भी कर सकते हैं। उस दरमियांन हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी। ग्रामीणों की भीड़ देखकर ठेकेदार ने पुलिस मौके पर बुलाई और पुलिस ने समझाइस कर मामले को शांत किया। बाद ठेकेदार ने ना तो तालाब में मछली डाली और ना ही मछली निकाली। ऐसी स्थिति में यदि काम नहीं करेगा तो ठेका निरस्त थी माना जाएगा।
— पंचायत की निजी आय के लिए निकला सकते हैं ठेका, सरपंच भंवरलाल ने यह भी बताया कि वैसे भी पंचायती राज का रूल्स बना हुआ है। जिसमें ग्राम पंचायत अपने स्तर पर निजी आय के लिए तालाब या किसी भी जगह ठेका निकाल सकते हो। जिस पर हमने भी निजी आय के लिए ही ठेका निकला था। अब विरोध के बाद ठेकेदार काम नहीं करता है। तो ठेका ही माना जाएगा।