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सिरोही-जोधपुर एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान दो महीने बाद एक युवक की मौत हो गई। युवक को पालड़ी एम थाना क्षेत्र के मोरली गांव में पुराने विवाद को लेकर गंभीर रूप से घायल किया गया था।
परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई और मुआवजे की मांग को लेकर करीब 72 घंटे तक शव नहीं उठाया। बुधवार दोपहर को परिजन शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए रवाना हुए।
यह घटना 13 अगस्त की शाम 7:30 बजे की है। मोरली निवासी कपूरा राम पुत्र टीमाराम भील ने 24 अगस्त को पालड़ी एम पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, कपूरा राम अपने भाई राणाराम और गलबाराम मीणा के साथ मोरली आए थे। रास्ते में लक्ष्मण नामक व्यक्ति ने राणाराम पर थापो मुक्को और लोहे की कूट से हमला कर गंभीर चोटें पहुंचाईं। पास खड़े वचनाराम, थानाराम, भारत कुमार और रमेश कुमार भील ने बीच-बचाव कर राणाराम को बचाया था।
राणाराम की जोधपुर एम्स में इलाज के दौरान तीन दिन पहले मौत हो गई थी। पोस्टमॉर्टम के बाद शव पालड़ी एम के सरकारी अस्पताल की मॉर्च्यूरी में रखा गया था। परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही हत्या का मामला दर्ज किया गया।
मृतक के भाई कपूराराम ने कहा कि पुलिस इस मामले को पैसे लेकर रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सिरोही एसपी से भी मौखिक शिकायत की थी।
पालड़ी एम थाना अधिकारी पगलू राम ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह सिरोही एसपी स्तर का मामला है। परिजनों की मांगों के बाद बुधवार दोपहर को शव उठाया गया और बाद में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
