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सिरोही-सिरोही जिले की वासा ग्राम पंचायत में सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी सहित अन्य लोगों ने मिलीभगत कर रियायती दर पर पट्टे बांट दिए। जांच के बाद जिला परिषद सीईओ ने नियम के खिलाफ तैयार किए गए 74 पट्टों को खारिज कर दिए है। सीईओ ने दोषी जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई करने को लेकर संभागीय आयुक्त से मांग की है।
सिरोही जिला परिषद के सीईओ प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि मामले में जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी। जांच प्रतिवेदन के अनुसार वासा ग्राम पंचायत के सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और मौका निरीक्षण कमेटी को दोषी पाया गया है। इनके खिलाफ राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 38 के तहत विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। प्रकरण के तहत सरपंच प्रभुराम सरगरा, उपसरपंच लीलादेवी, वार्ड पंच लक्ष्मणराम, नारायणलाल, वेलाराम, छोगाराम प्रजापत के खिलाफ कार्रवाई के लिए आरोप पत्र और आरोप विवरण पत्र अनुशंसा के साथ संभागीय आयुक्त को भेजे गए हैं।
जांच कमेटी ने अवैधानिक माने 74 पट्टे
जिला परिषद के सीईओ प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि जांच में सामने आया कि वासा गांव में खसरा संख्या 1331 की 12 बीघा आबादी भूमि में नियम के खिलाफ पट्टे जारी किए हैं। इस तरह का मामला सामने आने के बाद जिला परिषद की ओर से तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई। इसके बाद गांव में इस तरह के कुल 74 पट्टे अवैधानिक पाए गए। इन पट्टों को खारिज करने और दोषी अधिकारी और जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई की जा रही है।
लाखों का भूखंड हजार रुपए में दे दिया
जिला परिषद के सीईओ प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि मामले के अनुसार वासा गांव में जाबेजी मार्ग पर ग्रामीणों को सालों पूर्व निशुल्क पट्टे दिए गए थे। बाद में पट्टों को खारिज करते हुए इस भूमि पर नए सिरे से रियायती दर से पट्टे बांट दिए गए। लाखों रुपए कीमत की इस भूमि को एक हजार बीस रुपए में दे दिया गया। इस भूमि को नीलामी से बेचा जाता तो प्रति भूखंड एक से चार लाख रुपए तक की राशि राजकोष में जमा हो जाती।
सरपंच, वीडीओ और कमेटी को माना दोषी
जिला परिषद के सीईओ प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि वासा पंचायत के इस मामले में जांच के बाद जिला परिषद ने सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी सहित मौका निरीक्षण कमेटी को दोषी माना है। इसके बाद विभागीय कार्रवाई के लिए संभागीय आयुक्त को पत्र भेजा है। इसमें बताया है कि जांच दल की ओर से प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के अनुसार सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और मौका निरीक्षण कमेटी दोषी है। इनके खिलाफ आरोप पत्र और आरोप विवरण पत्र भेजकर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
जिला परिषद और एसीबी में भेजी थी शिकायत
जिला परिषद के सीईओ प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि वासा निवासी रौनक दवे ने गांव में नियम के खिलाफ पट्टे जारी कर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिला परिषद और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया था कि गांव में नियम के खिलाफ 74 पट्टे जारी किए गए हैं। जिससे राजकोष को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। एसीबी ने शिकायत को विस्तृत जांच करने योग्य होना बताया और पूर्वानुमोदन के लिए जिला परिषद को पत्र भेजा। वहीं जिला परिषद ने भी कमेटी गठित कर जांच शुरू करवाई।
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कुल 74 पट्टे अवैधानिक पाए गए
जिला परिषद के सीईओ प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि ग्राम पंचायत वासा में खसरा नम्बर 1331 में कुल 12 बीघा आबादी भूमि में नियम के खिलाफ पट्टे जारी किए गए हैं। जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी। कुल 74 पट्टे अवैधानिक पाए गए हैं। इनको खारिज करने की कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए विकास अधिकारी को लिखा जाएगा। साथ ही इसमें शामिल ग्राम विकास अधिकारी पर सेवा नियमों के तहत और सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधियों पर पंचायतीराज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।