PALI SIROHI ONLINE
सिरोही-जिला अस्पताल में संविदा पर लगे कर्मचारी के वेतन मांगने पर उसे नौकरी से बाहर कर दिया गया। इसकी जानकारी मिलते ही दूसरे कर्मचारी हड़ताल पर उतर गए। जिससे अस्पताल में मरीजों की पर्जी बनाने और दवा वितरण का काम लगभग बंद हो गया। अस्पताल प्रशासन ने कर्मचारियों की समझाइश कर काम वापस शुरू कराया।
जिला अस्पताल में कार्यरत एक कर्मचारी ने ठेकेदार से उसके वेतन के बकाया पैसे की मांग की। इस पर दोनों के बीच में कुछ बहस हो गई। जिसके बाद ठेकेदार ने उस कर्मचारी को हटाने का पत्र प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को सौंप दिया। इससे वहां काम कर रहे दूसरे कर्मचारी भड़क गए और काम का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद कर्मचारी चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर पहुंचे और मामले को लेकर शिकायत की। इस पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र महात्मा ने उन्हें बताया कि संविदा कर्मचारी ठेकेदार के अंदर कार्य कर रहे हैं, इसलिए वे ठेकेदार के कर्मचारी हैं। हमारे कर्मचारी नहीं हैं। ठेकेदार को 2 दिन पहले ही संविदा पर लगे सभी कर्मचारियों के सैलरी का चैक काट कर दिया है।
संविदा कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने सांसद लुंबाराम चौधरी से भी उनकी समस्या बताई थी तो उन्होंने 5 दिन का आश्वासन दिया, लेकिन आज आठवें दिन भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। उनका जुलाई-अगस्त महीने का वेतन आज तक नहीं मिला, जब भी कोई वेतनमान की मांग करता है उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है। तीन-तीन महीने तक उन्हें सैलरी नहीं मिल पाती इन हालात और परिस्थितियों में भी अपने घरों से कई सौ किलोमीटर दूर आकर बैठे हैं। उनका गुजर बसर करना तक दुभर हो जाता है। मोबाइल तक वह कई बार चार्ज नहीं कर पाते ऐसे में दूसरे साथियों से उधार पैसे लेने पड़ते हैं।