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सिरोही-गुजरात के मोडासा कस्बे से 111 फीट की पचरंगी ध्वजा के साथ रामदेवरा के लिए रवाना हुए जातरुओं को जत्था शुक्रवार को सिरोही के सरूपगंज कस्बे में पहुंचा। जत्थे में करीब 700 पैदल जातरू शामिल हैं। इनका स्वरूपगंज पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।
मोडासा गुजरात से बाबा रामदेव जाने वाला पैदल जत्था मोडासा से जन्माष्टमी के दिन रवाना हुआ था। जत्था गुरुवार शाम साबरकांठा के अंबाजी से राजस्थान सीमा में प्रवेश कर शाम को आबूरोड पहुंचा। इस पदयात्रा को 40 वर्ष वर्ष पूर्व महंत चंदू नाथ योगी ने शुरू किया था। उनके देवलोक होने के बाद उनके पुत्र महंत धर्मेंद्र नाथ योगी और महंत जसवंत नाथ योगी इस यात्रा को अनवरत जारी रखे हुए हैं। प्रतिवर्ष भादो माह में यह यात्रा मोडासा गुजरात से करीब 800 किलोमीटर दूर रामदेवरा के लिए प्रस्थान करती है। बताया जा रहा है कि इस यात्रा में करीब सात सौ से अधिक जातरू शामिल हैं।
इस जत्थे में जातरुओं के रहने खाने की सुविधा बीच में पहले से ही संचालकों की तरफ से तय होती है। इस पदयात्रा को शुरू करने वाले महंत चंदू नाथ योगी की तस्वीर भी एक व्हील चेयर में हमेशा साथ ही रहती है। इस यात्रा में शामिल जातरुओं ने पैदल यात्रा शुक्रवार सुबह भीमाना एकलिंगनाथ महादेव मंदिर में महाराज जगदीशानंद आश्रम में चाय नाश्ता कर आगे के लिए प्रस्थान किया। पैदल यात्रा का सरूपगंज क्षेत्र में टोला प्लाज राम रसोड़ा, स्वरूपगंज रीको, बाईपास रामदेव सेवा समिति भाटवाड़ा राम रसोड़ा, बजरंग चौराह राम रसोड़ा नई धनारी राम रसोड़ा और दोपहर को भाटवाड़ा राम रसोड़ा में भोजन प्रसादी ग्रहण की भाटवाड़ा में प्रभुराम कलबी और अर्जुन कलबी की तरफ से जातरुओं का भव्य स्वागत सत्कार किया गया। साईंधाम बनास होते हुए यात्रा कोजरापहुंची। कोजरा में जातष् रात्रि विश्राम करेंगे और वहां से शनिवार सुबह सिरोही की तरफ रवाना होंगे।