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सिरोही-राजस्थान के सबसे बड़े घास बीड एरिया में घासों की नीलामी नहीं होने से पशुपालकों के सामने उनके पशुओं को चराने की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। समस्या से निजात पाने के लिए वे सभी एकजुट होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर को आपबीती सुनाते हुए जल्द समस्या के समाधान की गुहार लगाई। कलेक्टर ने कहा वे जल्द ही वन विभाग के अधिकारियों से इस बारे में बात कर समस्या समाधान करने का पूरा प्रयास करेंगे।
राजस्थान के सबसे बड़े वन क्षेत्र घास बीड एरिया वाडा खेड़ा में पशुओं की चराई के लिए ठेके का प्रावधान लंबे समय से चला रहा है, लेकिन इस वर्ष 2024-25 में घास का ठेका नहीं होने के कारण वानखेड़े से लगते गांव मोरली, पालड़ी एम, वाडेवाडा, सागलीया, अंदौर, सरदारपुरा, नवाखेड़ा, गोल, जावाल, पाडीव, बलवना, उड़, गोयली, सारणेश्वर, मांडवा, वेरावीलपुर, कोलागढ़, बड़ा वेरा कलदरी गांव के पशुपालक उनके पशुओं को चराने के लिए इसी वाडाखेड़ा वन क्षेत्र में भेजते चले आ रहे थे, लेकिन इस वर्ष ठेका नहीं होने के कारण, उनके पशुओं को वन क्षेत्र में ले जाने पर वन विभाग के कर्मचारी प्रतिबंध लगा रहे हैं। पशुपालकों का कहना है कि नियमानुसार वादा खेड़ा जोड़ की नीलामी प्रक्रिया जल्द अमल में लाई जा सके ताकि वे उनके पशुओं को चराने के लिए भेज सकें।
कलेक्टर ने पशुपालकों की पूरी बातों को सुना और उन्हें आश्वासन देते हुए कहा हुए शीघ्र ही वन विभाग के अधिकारियों से बात करके समस्या समाधान का प्रयास करवाएंगी। इस दौरान प्रत्येक गांव के प्रतिनिधि के रूप में चार से पांच पशुपालक मौजूद रहे।