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सिरोही-योगेश्वर गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड (पूर्व में सुभाष नगर गृह निर्माण सहकारी समिति) के सदस्यों ने सोमवार को सिरोही विधायक एवं पंचायतीराज मंत्री ओटाराम देवासी से मुलाकात की। सदस्यों ने बताया कि पिछले 40 वर्षों से जिला प्रशासन और नगर परिषद की उदासीनता के कारण उनके आवासीय भूखंडों पर निर्माण की स्वीकृति और पट्टे जारी नहीं हो पा रहे हैं।
समिति के वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र गोपालिया के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री देवासी से समस्या के समाधान की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि हाल ही में संपन्न शहरी सेवा शिविर में भी उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सका।
गोपालिया ने मंत्री को जानकारी दी कि सिरोही रियासत के पूर्व शासक महाराजा अभय सिंह के केसर विलास निवास के पास 151 बीघा 19 बिस्वा कृषि भूमि थी, जिसे 1968 में रावजी बैचर भाई पटेल को बेचा गया था। समिति ने यह भूमि वर्ष 1984 में खरीदी थी।
वर्ष 1985 में तैयार ले-आउट प्लान को वरिष्ठ नगर नियोजक, जोधपुर ने 27 अक्टूबर 1984 को स्वीकृत किया था। इसके बाद भूमि के आवासीय रूपांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। समिति ने 147 भूखंडों के रूपांतरण शुल्क राजकीय कोष में जमा करवाया था। तत्कालीन कलेक्टर ने 1990 और 2001 में रूपांतरण को वैध मानते हुए कार्रवाई के आदेश भी जारी किए थे।
यह मामला बाद में राजस्व मंडल, अजमेर और डिविजनल कमिश्नर, जोधपुर तक पहुंचा, जहां दोनों स्तरों पर समिति के पक्ष में आदेश हुए। राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने भी जांच के बाद रूपांतरण को वैध ठहराया था।
नगर परिषद अब ग्रीन बेल्ट बताकर बच रही जिम्मेदारी से
गोपालिया ने बताया कि अब नगर परिषद इस भूमि को ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में आने का हवाला देकर कार्रवाई से बच रही है, जबकि यह क्षेत्र रूपांतरण के तीन वर्ष बाद यानी वर्ष 1993 में ग्रीन बेल्ट घोषित किया गया था।
समिति सदस्यों के अनुसार, 2001 से 2025 तक यानी 25 वर्षों में प्रशासनिक लापरवाही और नगर परिषद की निष्क्रियता के चलते 213 भूखंडधारक अपने वैध अधिकारों से वंचित हैं।
उन्होंने बताया कि समिति ने हाल ही में कलेक्टर आल्पा चौधरी और अतिरिक्त जिला कलेक्टर को भी इस प्रकरण से अवगत कराया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।मंत्री ओटाराम देवासी ने मामले पर गंभीरता जताते हुए तहसीलदार जगदीश को निर्देश दिए कि वे दो दिन में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही उन्होंने समिति सदस्यों को भरोसा दिलाया कि वे कलेक्टर से वार्ता कर भूखंडधारकों को उनका हक दिलाने के लिए पहल करेंगे। इस अवसर पर संजय कुमार वर्मा, विजय जैन, जय विक्रम हरण, शेखर सक्सेना, सुरेंद्र त्रिवेदी, शिरीष जैन सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
