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सिरोही-सिरोही में जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी की अध्यक्षता में बुधवार को ‘जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण’ और ‘जिला मॉनिटरिंग कमेटी’ की बैठक हुई। इसमें क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट और बायो मेडिकल वेस्ट रूल्स 2016 के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने बिना पंजीकरण वाले निजी अस्पतालों और लैब पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
कलेक्टर चौधरी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को निर्देश दिए कि जिन निजी अस्पतालों और लैब ने बार-बार नोटिस के बावजूद क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें एक सप्ताह का अंतिम नोटिस जारी किया जाए। इस अवधि में पंजीकरण न कराने वाले संस्थानों को सीज कर दिया जाएगा। साथ ही, अस्पतालों और लैब से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का नियमानुसार सीटीएफ कनेक्टिविटी के तहत निस्तारण अनिवार्य होगा।
बैठक में नगर परिषद सिरोही के फायर ऑफिसर जालम सिंह ने फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त करने की प्रक्रिया समझाई। उन्होंने बताया कि संस्थानों को अपनी एसएसओ आईडी से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ आधार कार्ड, भवन का स्वामित्व प्रमाण पत्र, बिल्ड अप एरिया दर्शाने वाला प्लान लेआउट, यूडी टैक्स रसीद और फायर उपकरण व नक्शे सहित फायर प्लान संलग्न करना होगा। नियमानुसार जांच के बाद शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए फायर एनओसी जारी की जाएगी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता शंकर लाल ने बताया कि किसी भी अस्पताल या लैब के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाण पत्र आवश्यक है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ बायोमेडिकल वेस्ट एग्रीमेंट संलग्न करना होगा। तीस बेड से अधिक क्षमता वाले अस्पतालों के लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाना भी अनिवार्य है।
सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण के लिए बायो मेडिकल वेस्ट एग्रीमेंट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाण पत्र, फायर एनओसी और स्टाफ के आवश्यक दस्तावेज जमा करना अनिवार्य है। उन्होंने दोहराया कि एक सप्ताह के नोटिस के बाद भी पंजीकरण न कराने पर सीज की कार्रवाई की जाएगी।
